हरिद्वार । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पेंशनर्स ने मंगलवार को सिटी मेजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान अपनी नौ सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को जिला प्रशासन के माध्यम से प्रेषित किया है।
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड से सेवानिवृत्त सरकारी पेंशनर सुबह दस बजे सिटी मेजिस्ट्रेट कार्यालय पर एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। ज्ञापन में केंद्रीय वेतन आयोग शीघ्र गठित कर सातवें वेतन आयोग की तरह पेंशन पुनरीक्षण को शामिल करने,पेंशन संशोधन संबंधी वित्त विधेयक निरस्त करने,वेतन आयोग की संदर्भित शर्तों में पेंशन को शामिल करने की मांग की है। इसके अलावा महंगाई भत्ते और राहत के आदेश एक साथ जारी करने,राशिकारण कटौती अवधि 15 से घटाकर 10 वर्ष करने,पुरानी पेंशन बहाल कर एनपीएस में की गई कटौती को जीपीएफ में बदलने,65,70 और 75 वर्ष की आयु पर 05 प्रतिशत पेंशन बढ़ोतरी करने,कोरोना काल का रोका गया डीए और डीआर भुगतान करने,पेंशनर की चिकित्सा देखभाल के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा नीति बनाकर निःशुल्क कैशलेस सुविधा देने की मांग की है। जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एनटी प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी के चार धाम यात्रा बैठक में व्यस्त होने की जानकारी देकर ज्ञापन प्राप्त की।
प्रदर्शन स्थल पर वयोवृद्ध पेंशनर रामकुमार अग्रवाल और रामेश्वर दयाल अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता और जेपी चाहर के संचालन में सभी हुई। इस दौरान रिटायर कोषाधिकारी अनिरुद्ध शर्मा ने लोकसभा में पारित वित्त विधेयक 2025 को पेंशनर हितों के खिलाफ बताते हुए जरूरत पड़ने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
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