नागौर। राजस्थान के नागौर जिले में पारिवारिक तनाव एक दुखद त्रासदी में बदल गया, जब सीमा सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त एक फौजी ने अपने साले की गोली मारकर हत्या कर दी, और उसके तुरंत बाद स्वयं को भी गोली मार ली। यह घटना गोटन थाना क्षेत्र के नोखा चांदावता गांव में गुरुवार तड़के सामने आई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना से पूर्व 42 वर्षीय सेवानिवृत्त फौजी मनरूप ने एक छह मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उसने अपने कष्टों और मनःस्थिति को व्यक्त किया। इसके अलावा उसने लगभग तीन हजार शब्दों का एक आत्महत्या नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपनों के व्यवहार, पारिवारिक विघटन और मानसिक पीड़ा का उल्लेख किया है।
मनरूप, नागौर जिले के पीपाड़ क्षेत्र स्थित खांगटा गांव का निवासी था और बीएसएफ की 174वीं बटालियन से सेवा निवृत्त हुआ था। उसकी पत्नी मुन्नी देवी उर्फ मोनिका से लंबे समय से रिश्तों में खटास थी। शादी के बाद से ही दंपती के बीच विवाद होते रहे और स्थिति इतनी बिगड़ी कि मुन्नी देवी अपने दो बच्चों को ससुराल में छोड़कर अधिकतर समय मायके में रहने लगी। मनरूप का आरोप था कि उसकी पत्नी को उसके साले-सालियों द्वारा भड़काया जाता था, जिससे घर में आए दिन कलह होता रहता था।
पिछले तीन महीनों से मुन्नी देवी नागौर के नोखा चांदावता स्थित अपने मायके में रह रही थी, जहाँ उसके माता-पिता, छोटा भाई सोहनलाल और अन्य परिजन निवास करते हैं। उसका बड़ा भाई पप्पूराम मेघवाल (50) अपनी पत्नी के साथ गाँव के बाहर खेत में बने मकान में रहता था।
गोटन के डीएसपी रामकरण मलिंडा के अनुसार गुरुवार सुबह लगभग 4 बजे मनरूप अपनी बाइक से सीधे अपने साले पप्पूराम के खेत स्थित घर पहुंचा। दरवाजा खुलते ही उसने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से पप्पूराम को सिर में तीन गोलियां मारी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके तुरंत बाद मनरूप ने उसी पिस्टल से स्वयं को भी गोली मार ली। सूचना मिलते ही गोटन थाना पुलिस व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए गोटन के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया गया है।
मनरूप ने आत्महत्या से पूर्व सोशल मीडिया पर एक लंबा संदेश साझा किया, जिसमें उसने लिखा—मैंने 20 साल सीमा पर देश सेवा की, हर चुनौती का डटकर सामना किया। लेकिन जब अपने ही नकाब हटाते हैं, तो एक सच्चा फौजी भी टूट जाता है। उसने यह भी लिखा कि रिटायरमेंट के कुछ ही दिनों बाद उसकी पत्नी का व्यवहार अचानक बदल गया और बात-बात पर झगड़ा और गाली-गलौज आम हो गया। यह बदलाव उसके लिए मानसिक रूप से असहनीय साबित हुआ।
इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव और परिवार को स्तब्ध कर दिया है। मृतक पप्पूराम चांदावता पंचायत समिति में संविदा आधार पर एलडीसी के पद पर कार्यरत था। मनरूप के दो बच्चे— 11 वर्षीय बेटा और 9 वर्षीय बेटी— खांगटा गांव में रहते हैं, जहां उसकी मां भी निवास करती हैं। पत्नी मुन्नी देवी बीएड डिग्रीधारी हैं और उनके परिवार में छह बहनें व दो भाई हैं। पप्पूराम उनका बड़ा भाई था। पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है और सुसाइड नोट तथा वीडियो की तकनीकी जांच भी की जा रही है।
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