राजस्थान की राजधानी जयपुर में वाणिज्यिक कर रजिस्ट्रेशन वाले वाहन किराए पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में कई बार अपराधी भी ऐसे वाहन किराए पर लेकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। किराए के वाहनों के साथ-साथ निजी वाहन भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। ऐसे में वाहन का अन्य गतिविधियों में उपयोग करना अवैध और नियमों के विरुद्ध है। किराए के वाहनों और निजी वाहनों को किराए पर देने के संबंध में जयपुर में नया आदेश लागू किया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. रामेश्वर सिंह ने आदेश जारी कर कहा है कि जयपुर में निजी वाहनों को किराए पर देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। जबकि किराए पर वाहन देने की अनुमति केवल रेंट ए कैब स्कीम, 1989 के तहत होगी। उन्होंने बताया कि कानून एवं व्यवस्था मंत्रालय, जयपुर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण पुलिस आयुक्तालय, जयपुर क्षेत्र के लिए यह आदेश प्रसारित किया गया है।
क्या नियम लागू किए गए हैं
1. टैक्सी वाहनों को किराए पर देने के लिए अलग से "रेंट ए कैब स्कीम. 1989" बनाई गई है। लाइसेंस प्राप्त करने का प्रावधान इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति/फर्म बिना लाइसेंस के वाहन किराये पर देने का व्यवसाय नहीं करेगा।
2. उक्त योजना के अंतर्गत लाइसेंस की वैधता 5 वर्ष है तथा वैधता तिथि समाप्त होने से पूर्व लाइसेंस का नवीनीकरण समय पर कराया जाना आवश्यक है।
3. इस प्रकार संचालित केन्द्रों द्वारा केवल उन्हीं वाहनों को किराये पर दिया जाएगा, जिन्हें मोटर वाहन अधिनियम की धारा 88 की उपधारा (9) के अंतर्गत परमिट जारी किया गया है।
4. पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में निजी वाहनों को किराये पर देना प्रतिबंधित है।
5. वाहन किराये पर देने वाले व्यक्ति/फर्म के पास कम से कम एक टेलीफोन अवश्य होना चाहिए, जो चौबीसों घंटे चालू रहना चाहिए।
6. इस प्रकार से उपलब्ध कराए गए सभी वाहनों के आवश्यक दस्तावेज फर्म द्वारा पूर्ण होने चाहिए। अपूर्ण दस्तावेजों वाले वाहन तथा अनफिट वाहन उक्त प्रक्रिया में उपयोग नहीं किए जा सकेंगे।
7. जब पुलिस द्वारा ऐसे केन्द्रों की जांच की जाएगी, तो संबंधित संचालक सभी दस्तावेजों तथा वाहनों की जांच में सहयोग करेंगे।
8. केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी विभिन्न अधिनियमों/नियमों एवं दिशा-निर्देशों का संबंधित संचालकों द्वारा पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
9. ऐसे केन्द्रों द्वारा वाहन किराये पर लेने वाले व्यक्तियों से उनका सम्पर्क नम्बर, पूरा पता एवं वैध पहचान दस्तावेज की प्रति मांगी जाएगी तथा मूल प्रति से सत्यापित करने के पश्चात ही वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।
10. इस प्रकार उपलब्ध कराए गए वाहन में यात्रा करने वाले अन्य व्यक्तियों का भी पूर्ण विवरण लिया जाएगा तथा उनके पहचान दस्तावेज लिए जाएंगे।
11. इस संबंध में संबंधित फर्म द्वारा एक रजिस्टर संधारित किया जाएगा, जिसमें इस प्रकार उपलब्ध कराए गए वाहन का विवरण, वाहन लेने वाले व्यक्ति का नाम, पता एवं सम्पर्क नम्बर, वाहन में यात्रा करने वाले अन्य व्यक्तियों का विवरण, यात्रा की अवधि, यात्रा का उद्देश्य तथा यात्रा कहां से कहां तक की जाएगी, आदि का विवरण भी रखा जाएगा।
12. यदि इन केन्द्रों के संचालकों को वाहन किराये पर देते समय किसी व्यक्ति के किसी अवांछित/अवैध गतिविधि में संलिप्त होने का संदेह होता है, तो इसकी सूचना तत्काल नजदीकी पुलिस थाने या पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी जाएगी।
आदेश के संबंध में कहा गया है कि इसका उल्लंघन किए जाने पर कंपनी/संस्था के संचालन/प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 में प्रदत्त प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। यह आदेश 17 अप्रैल 2025 से 16 जून 2025 तक या इससे पहले निरस्त होने पर उस तिथि तक प्रभावी रहेगा।
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