नगरीय विकास न्यास (यूआईटी) मास्टर प्लान-2035 तैयार कर रहा है। इसके लिए उसने ड्राइंग (नक्शा) तैयार कर लिया है। अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है। नक्शे में तकनीकी खामियां और कुछ विसंगतियां हैं। मजे की बात यह है कि नए प्रस्तावित जोनल प्लान के अनुसार 1200 फीट चौड़ी सड़क दिखाई गई है। शहर में आमतौर पर 100 या 200 फीट की सड़कों की योजना बनाने वाली यूआईटी ने भद्दा मजाक किया है। जाहिर है यह संभव नहीं है कि इतनी बड़ी सड़क की योजना धरातल पर आए। प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन ने मास्टर प्लान पर सवाल उठाते हुए तंज कसा कि अगर ऐसा हुआ तो यह देश की सबसे चौड़ी सड़क होगी। दरअसल, यूआईटी की ओर से जारी जोनल प्लान ई-2 के ड्राफ्ट में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। कोठारी नदी पार करीब 12 साल पुरानी बहुउद्देशीय योजना, मिनी सचिवालय और स्पेशल टाउनशिप को हटा दिया गया है। यहाँ हाई लेवल ब्रिज से देवनारायण आवासीय विद्यालय तक 2 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को ग्रीन बेल्ट के साथ 1200 फीट चौड़ा किया गया है। जबकि, सांगानेर मेडिकल कॉलेज तक 2 किलोमीटर लंबे रोड को केवल 200 फीट चौड़ा रखा गया है।
जहाँ होटल और कॉलेज हैं, वहाँ भी ग्रीन बेल्ट घोषित किया गया है
जाँच में पता चला है कि दोनों तरफ 100-100 फीट की सड़क है, जिसके बीच में ग्रीन बेल्ट प्रस्तावित है। इस ग्रीन बेल्ट की चौड़ाई 1000 फीट होने से सड़क की कुल लंबाई 1200 फीट हो गई है। हालाँकि, जब इस मामले में यूआईटी से पूछताछ की गई, तो अधिकारी ने इसे तकनीकी खामी माना। लेकिन सवाल यह है कि मास्टर प्लान जैसे मामले में ऐसी तकनीकी खामी कैसे हो सकती है? हालाँकि, मामला सिर्फ़ सड़क का नहीं है। यहाँ तक कि जिस इलाके में होटल और कॉलेज चल रहे हैं, उसे भी ग्रीन बेल्ट घोषित किया गया है, यानी यहाँ किसी भी तरह का निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इस तरह, व्यावसायिक क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित करने पर भी सवाल उठे हैं।
नक्शे में 12 राजस्व गांवों के आबादी क्षेत्र में बदलाव प्रस्तावित हैं। वहीं, कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ किसानों को यह भी नहीं पता कि उनकी कितनी ज़मीन ली जाएगी? इससे किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पालड़ी, इंद्रपुरा, तेली खेड़ा, गोविंद पुरा, देवखेड़ी, आरजिया, जाटों का खेड़ा, सालरिया, तसवारिया, केसरपुरा, सांगानेर समेत शहर से सटे कई गाँव इसमें दर्शाए गए हैं। लेकिन जोनल प्लान ई-2 में ज़मीन का नंबर ही नहीं है।
1. प्रश्न: भीलवाड़ा के मास्टर प्लान के जोनल प्लान को लेकर विवाद है। यूआईटी ने कई गलतियाँ की हैं? आप क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: जो लोग कह रहे हैं कि हमसे गलती हुई है, वे आपत्ति उठाएँ, हम उसे सुधार देंगे।
2. प्रश्न: 1200 फीट रोड का क्या मामला है?
उत्तर: 1200 फीट रोड में कुछ त्रुटि है। क्योंकि 200-200 फीट रोड के बीच में ग्रीन बेल्ट दी जानी थी और उसमें तकनीकी टीम की कमी थी, इसलिए हम इसे ठीक कर देंगे।
3. प्रश्न: यूआईटी ने जोनल प्लान में ज़मीन का नंबर दर्ज नहीं किया है, किसान को कैसे पता चलेगा?
उत्तर: ऐसा कोई नियम नहीं है। प्लान में कहीं भी ज़मीन का नंबर नहीं दिखाया जाता। लोग निजी स्तर पर तैयार प्लान में इसे दिखाते हैं।
4. प्रश्न: आरोप है कि अधिकारियों ने बंद कमरे में जोनल प्लान तैयार किया है? व्यावसायिक होटल और कॉलेज पहले से चल रहे हैं, क्या उनका भी ग्रीन बेल्ट में ज़िक्र किया गया है?
उत्तर: हम आपत्तियाँ माँग रहे हैं और एक कमेटी बनाई गई है। आपत्तियाँ आएंगी और जिनके पट्टे जारी हो चुके हैं, उन पर भी विचार किया जाएगा।
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