Top News
Next Story
Newszop

Kota हाड़ौती को महाकाल की नगरी उज्जैन से जोड़ने की तैयारी

Send Push
कोटा न्यूज़ डेस्क,रेलवे हाड़ौती से महाकाल की नगरी उज्जैन को जोड़ने की कवायद में जुट गया है। इसके लिए उज्जैन से झालावाड़ तक अलग-अलग तीन रेल परियोजनाओं का खाका लगभग तैयार हो गया है।इन तीनों योजनाओं को रेल मंत्रालय भेजा जाएगा, जहां से एक योजना पर स्वीकृति की मुहर लगने के बाद रेलमार्ग का काम शुरू हो जाएगा। योजना से भविष्य में कोटा से झालावाड़, आगर होकर उज्जैन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। गौरतलब है, कि वर्ष 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी सिंहस्थ कुंभ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है।

कार्ययोजना के लिए 4.75 करोड़

उज्जैन से झालावाड़ तक वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर रेलमार्ग के लिए इसी वर्ष फरवरी में रेल मंत्री ने कार्य योजना बनाने को 4.75 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। इसके पालन में रेलवे ने प्राथमिक स्तर पर तीन योजना बनाई है। इसे अंतिम रूप देना शेष है। कुछ दिनों में इन योजनाओं को मंत्रालय भेजा जाएगा।

यह हैं योजनाएं

पश्चिम मध्य रेलवे ने उज्जैन से झालावाड़ के लिए नई रेल सेवा की प्रस्तावित योजना को पिंक, ब्लू और रेड के नाम दिया है। योजनाओं में अलग-अलग रूट और पुलों की संया निर्धारित की गई है। तीनों योजना अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रतार से ट्रेन चलाने को ध्यान में रखकर बनाई हैं।

पिंक : लागत 2836 करोड़ : उज्जैन से सुरासा, खेड़ावदा, पिपलोनकलां, आगर होते हुए झालावाड़ तक 189.100 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 38 कर्व, 64 पुल बनाना प्रस्तावित है।

ब्लू : 2727 करोड़ : उज्जैन से उज्जैनिया, ढाबलाखुर्द, आगर होते हुए झालावाड़ तक 181.80 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने की है, जिसमें 37 कर्व और 45 पुल बनाना प्रस्तावित है।

रेड : 2697 करोड़ : उज्जैन से जगोटी, पिपलोनकलां, आगर होते हुए झालावाड़ तक 177.860 किमी लंबी रेल लाइन बिछेगी, जिसमें 36 कर्व व 34 पुल बनाना प्रस्तावित है।

सड़क मार्ग पर भी तैयारियां

उज्जैन से झालावाड़ के जरिए हाड़ौती का सफर सीधा और आसान बनाने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने उज्जैन से मध्यप्रदेश के घोंसला तक के रास्ते को फोरलेन सड़क में तब्दील कर चुकी है। अब झालावाड़ से घोंसला तक 10 मीटर चौड़ी सड़क को भी फोरलेन में तब्दील करने की योजना प्रस्तावित है।

1975 तक उज्जैन से आगर तक चलती थी ट्रेन

उज्जैन से आगर का रेलमार्ग नया नहीं है। यहां 1932 में पहली रेलसेवा शुरू हो गई थी, जो नैरो गेज के रूप में 1975 तक उज्जैन-आगर तक चली। इस ट्रेन को खींचने वाला इंजन उज्जैन स्टेशन परिसर में खड़ा है।तीनों प्रस्तावित योजनाओं में राजस्थान के चार नगर सुसनेर, सोयतकलां, रायपुर और झालावाड़ को कवर किया जाएगा।

Loving Newspoint? Download the app now