राजस्थान में इस साल मानसून ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। 1 जून से 9 सितंबर तक, यानी लगभग 100 दिनों में, राज्य में औसतन 700 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश सामान्य से कहीं ज़्यादा है और विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का सीधा असर मान रहे हैं। हालाँकि, अब अगले सात दिनों तक राज्य में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी हवाओं के तेज़ होने से पूरे राज्य में एक हफ़्ते तक बारिश का सिलसिला थम जाएगा। स्थानीय स्तर पर बादल छाए रहने और कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी की संभावना से इनकार नहीं किया गया है। लेकिन आसमान साफ़ रहेगा और ज़्यादातर जगहों पर धूप खिली रहेगी। इससे तापमान में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के ज़्यादातर हिस्सों में धूप खिली रही। जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर और जोधपुर संभाग के जिलों में मौसम साफ रहा, जबकि हनुमानगढ़ और जैसलमेर में हल्के बादल छाए रहे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई।
701.6 मिमी बारिश दर्ज, 20 वर्षों में बड़ा बदलाव
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक कुल 701.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मानसून अभी विदा नहीं हुआ है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। गौरतलब है कि राजस्थान में 1917 में सबसे अधिक 844.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान जैसे शुष्क राज्य में पिछले दो दशकों से लगातार औसत से अधिक बारिश होना जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।
जुलाई में सबसे अधिक बारिश
इस मानसून सीजन में जून से सितंबर तक लगातार बारिश हुई। जून में 125.3 मिमी, जुलाई में 290 मिमी, अगस्त में 184 मिमी और 1 से 8 सितंबर तक 94 मिमी बारिश दर्ज की गई। जुलाई सबसे अधिक बारिश वाला महीना रहा।
बांधों की भराव क्षमता बढ़ी
लगातार बारिश के कारण राज्य के बांध भी लबालब हो गए हैं। राजस्थान के कुल 693 बांधों में से 437 पूरी तरह भरकर ओवरफ्लो हो चुके हैं, जबकि 164 बांध 25 से 90 प्रतिशत तक भरे हुए हैं। 24 जुलाई से बीसलपुर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इस बार 63 प्रतिशत से अधिक बांधों का भरा होना किसानों और आम लोगों के लिए राहत की बात है।
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