राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघ की हलचल देख श्रद्धालु डरे हुए हैं। बाघ के हमले से एक किशोर की मौत के बाद कई दिनों तक इस मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद वन विभाग ने श्रद्धालुओं को त्रिनेत्र गणेश मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी, लेकिन यहां खतरा बरकरार है।
बाघिन की गतिविधियां दिखीं
वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक बार फिर त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बाघिन की गतिविधियां देखी गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों से रणथंभौर दुर्ग में बाघिन लगातार देखी जा रही है। रविवार सुबह बाघिन रिद्धि ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर के जनरेटर के पास एक सांभर का शिकार किया। फिलहाल उसके शावक भी पास में ही देखे गए हैं। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर सिंह द्वार के पास एक और बाघ भी देखा गया है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा
सिंहद्वार पर कौन सा बाघ देखा गया है, इसकी पुष्टि वन विभाग ने नहीं की है, लेकिन इस क्षेत्र में 17 बाघ, बाघिन और शावकों की आवाजाही श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा पैदा कर रही है। यहां बाघ, बाघिन और शावकों की मौजूदगी को देखते हुए किसी अप्रिय घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि वन विभाग ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इंतजाम भी किए हैं।
छतरी वाला रास्ता बंद
बताया गया है कि बाघिन रिद्धि द्वारा त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास सांभर का शिकार करने के बाद वन विभाग ने एहतियात के तौर पर निगरानी और ट्रैकिंग के लिए वनकर्मियों को तैनात किया है। वन विभाग छतरी वाला रास्ता बंद कर श्रद्धालुओं को दूसरे रास्ते से त्रिनेत्र गणेश मंदिर भेज रहा है। वहीं श्रद्धालुओं का आरोप है कि वन विभाग ने सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए बिना जल्दबाजी में त्रिनेत्र गणेश मंदिर का रास्ता और मंदिर को फिर से खोल दिया है, जबकि किले और उसके आसपास के इलाकों में बाघ, बाघिन और अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही देखी जा रही है।
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