रणथंभौर दुर्ग में पिछले 6 माह से लगातार बाघों की चहलकदमी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण रणथंभौर में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या है। रणथंभौर में बढ़ रहे बाघ शावकों ने अब वन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बढ़ रहे बाघ शावकों में से कुछ टेरेटरी की तलाश में रणथंभौर दुर्ग में डेरा डाले हुए हैं। ये नन्हे शावक रोजाना रणथंभौर की परिधि से बाहर आ रहे हैं। वन विभाग की ओर से इन्हें बार-बार ट्रेंकुलाइज कर जंगल में छोड़ा जा रहा है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1068 वर्ग किलोमीटर है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व का कोर एरिया 600 वर्ग किलोमीटर है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में पालीघाट चंबल घड़ियाल अभयारण्य का 128 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में रणथंभौर में बाघों का टेरेटरी सिर्फ 939.14 वर्ग किलोमीटर है। इनमें 24 बाघ, 25 बाघिन और 28 शावक शामिल हैं।
रणथंभौर के शावक हो रहे हैं जवान
18 अप्रैल 2025 को रणथंभौर में बाघिन सुल्ताना ने 3 शावकों को जन्म दिया। 28 अप्रैल 2025 को बाघिन आरबीटी-2313 ने 2 शावकों को जन्म दिया। 4 मई 2025 को बाघिन टी-111 ने 2 शावकों को जन्म दिया। 14 मई 2025 को बाघिन 2302 ने 3 शावकों को जन्म दिया। 23 फरवरी 2025 को बाघिन टी-122 ने 4 शावकों को जन्म दिया। 12 फरवरी 2025 को बाघिन आरबीटी-103 ने रणथंभौर के कुंडेरा रेंज में 2 शावकों को जन्म दिया। इसी तरह 9 सितम्बर 2024 को बाघिन सिद्धि टी-125 ने 3 शावकों को जन्म दिया। जिसमें से एक शावक की मौत हो गई।
इसी तरह 25 मई 2023 को रणथंभौर के खंडार रेंज में बाघिन टी-69 ने 2 शावकों को जन्म दिया, जिसमें से 1 शावक की मौत हो गई। 16 जुलाई 2023 को रणथंभौर की बाघिन टी-124 ने 3 शावकों को जन्म दिया। जुलाई 2023 में बाघिन एरोहेड ने चौथी बार 3 शावकों को जन्म दिया। 25 सितम्बर 2023 को बाघिन सुल्ताना ने 3 शावकों को जन्म दिया। इस तरह रणथंभौर में फिलहाल इतने ही शावक हैं। इनमें से अधिकतर शावक युवावस्था में प्रवेश कर चुके हैं। जो अब अपने लिए नए इलाके की तलाश कर रहे हैं। अगर समय रहते वन विभाग और सरकार ने ध्यान नहीं दिया होता तो आने वाले दिनों में न केवल ये नन्हे शावक रणथंभौर की परिधि से बाहर चले जाते बल्कि इनके बाहर आने से बाघ-मानव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ जातीं। साथ ही इलाके को लेकर बाघों के बीच संघर्ष भी बढ़ता।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर 15 बाघ, बाघिन और शावकों का मूवमेंट
रणथंभौर में जहां हर रोज रणथंभौर के जंगलों से निकलकर युवा बाघ शावक आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं। वहीं रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग और रणथंभौर किले में बाघ, बाघिन और शावकों का लगातार मूवमेंट बना हुआ है। जिसके चलते वन विभाग त्रिनेत्र गणेश भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गणेश मार्ग को हर रोज बंद कर देता है। त्रिनेत्र गणेश मार्ग और रणथंभौर किले के आसपास 15 से ज्यादा बाघ, बाघिन और शावकों का मूवमेंट है। जिससे त्रिनेत्र गणेश दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा खतरे में बनी हुई है। इस मार्ग पर बाघिन एरोहेड और उसके दो शावक, बाघिन रिद्धि और उसके तीन शावक तथा बाघिन सुल्ताना और उसके तीन शावकों के साथ दो-तीन अन्य बाघों का आवागमन रहता है।
वन्यजीव विशेषज्ञों ने कही ये बात
वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंद्र खांडल का कहना है कि त्रिनेत्र गणेश मार्ग और रणथंभौर किले पर बाघों की आवाजाही को लेकर अगले दो से तीन महीने तक इस क्षेत्र में खतरा बना रहेगा। क्योंकि युवा बाघ शावक अभी अपनी मां से पूरी तरह से अलग नहीं हुए हैं। खांडल का कहना है कि गर्मी को देखते हुए वन विभाग उन शावकों को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं कर सकता है। जब युवा शावक अपनी मां से पूरी तरह से जुड़ जाएंगे और मौसम थोड़ा सुहाना हो जाएगा, तब वन विभाग उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कर सकता है। तब तक वन विभाग और गणेश भक्तों को यहां सावधानी बरतनी होगी। डॉ. खांडल का कहना है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कई ऐसे क्षेत्र हैं। जहां बाघों की संख्या बहुत कम है। युवा बाघ शावक वहां अपना क्षेत्र बना सकते हैं या वन विभाग उन्हें वहां स्थापित कर सकता है। रणथंभौर के अलावा रणथंभौर का दूसरा प्रभाग कैलादेवी अभयारण्य है, जहां बाघों की संख्या कम है। वहां भी इन युवा बाघ शावकों को भेजा जा सकता है। साथ ही वन विभाग चाहे तो रणथंभौर में युवा बाघ शावकों की पहचान कर उन्हें नर-मादा के अनुपात को देखते हुए राज्य के अन्य टाइगर रिजर्व में भी शिफ्ट कर सकता है। इससे न केवल रणथंभौर पर बोझ कम होगा बल्कि राज्य के अन्य टाइगर रिजर्व भी बाघों से आबाद हो सकेंगे।
You may also like
बंगाईगांव में दो बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
आज फिर से धुबड़ी आयेंगे मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा
जतिंगा में रेलवे पटरी पर मलबा गिरने से ट्रेनों की आवाजाही रद्द
कतर जाने वाली उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को काठमांडू एयरपोर्ट पर गुजारनी पड़ी रात
ईरान ने इजराइल से युद्ध विराम की पुष्टि की, तेल अवीव खामोश, तेहरान के मिसाइल हमले में चार की मौत