राजस्थान की राजनीति में अपने तीखे तेवर और आक्रामक बयानों के लिए मशहूर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संस्थापक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। इस बार उन्होंने किसानों के मुद्दे और कथित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घेरा।
बेनीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया है। जिस समय देशभर में किसान तीन विवादित कृषि कानूनों (किसानों के काले बिल) के खिलाफ सड़कों पर थे, तब सरकार ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की। किसानों को आतंकवादी और देशद्रोही तक बताया गया, लेकिन जब आंदोलन तेज हुआ और पंजाब-हरियाणा से लेकर राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक इसका असर दिखा, तब जाकर केंद्र सरकार को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह साफ हो गया है कि मोदी-शाह केवल कॉरपोरेट घरानों के लिए काम करते हैं और किसानों की भलाई उनके एजेंडे में कहीं नहीं है।
इसके साथ ही बेनीवाल ने एक नए आरोप की ओर इशारा किया, जिसे उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया। उनका दावा है कि भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए समाज और परिवार तक की आस्था और परंपराओं में दखल देने लगी है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियान से यह स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी जनता का ध्यान असली मुद्दों – महंगाई, बेरोजगारी, और किसान संकट – से हटाकर भावनात्मक और सांप्रदायिक एजेंडे को हवा देना चाहती है।
बेनीवाल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सीधे तौर पर निशाने पर लेते हुए कहा कि मोदी और शाह की जोड़ी ने लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर किया है। उन्होंने कहा, “देश को गुमराह करने और लोकतंत्र को खोखला करने का काम भाजपा कर रही है। किसानों की पीठ में छुरा घोंपना और अब समाज में बंटवारा करना, यही मोदी-शाह की असली राजनीति है।”
राजस्थान के राजनीतिक हलकों में बेनीवाल के इस बयान को 2025 की सियासी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। बेनीवाल पहले भी भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को किसान विरोधी करार दे चुके हैं और उन्होंने किसानों की राजनीति को केंद्र में रखते हुए अपनी अलग पहचान बनाई है। इस बार उनका सीधा हमला भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर है, जिसे लेकर राजनीतिक माहौल और गरमा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेनीवाल का यह बयान आगामी चुनावों में उनकी रणनीति का हिस्सा है। किसान आंदोलन के समय उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर जाकर किसानों का समर्थन किया था और तब से लगातार भाजपा के खिलाफ मुखर हैं। भाजपा जहां खुद को किसान हितैषी बताने में लगी है, वहीं बेनीवाल लगातार ‘काले बिलों’ और किसान विरोधी नीतियों को उठाकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।
You may also like
Tejasvi Yadav की पत्नी को 'जर्सी गाय' बताने के मामले में मचा बवाल, PM मोदी का नाम लेकर अब RJD नेताओं ने बोला बड़ा हमला
सोशल मीडिया पर फेमस होने की चाह ने खिला दी हवालात की हवा, नाबालिग बेटी से बाइक चलवाने का बनाया था वीडियो
Weight Loss Tips: क्या चावल खाने से वजन बढ़ता है? अगर आपको भी ऐसा लगता है, तो पढ़ें ये खबर..
घुसपैठियों के समर्थन में धमकियां दे रहा विपक्ष, बोले- BJP प्रवक्ता संबित पात्रा
राजसमंद में बारिश का कहर, देवगढ़ रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से सेवाएं ठप