कलियुग में भगवान कृष्ण के अवतार माने जाने वाले खाटू बाबा का राजस्थान के सीकर में स्थित श्री खाटूश्याम का भव्य मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में लोग उनके दरबार में पहुँचकर उन्हें इत्र, खिलौने और गुलाब आदि अर्पित करते हैं। मान्यता है कि बाबा श्याम को उनकी पसंद की चीजें अर्पित करने से मनोवांछित मनोकामना पूरी होती है और दुखों से मुक्ति मिलती है। भक्तगण बाबा श्याम के जन्मोत्सव और लक्खी मेले का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
हिंदू धर्म में फूलों का विशेष महत्व माना जाता है। फूलों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। शारदा तिलक नामक ग्रंथ और अनेक धार्मिक ग्रंथों में फूलों का विस्तार से वर्णन किया गया है। मान्यता है कि देवताओं के मस्तक को सदैव फूलों से सुशोभित करना चाहिए। वैसे तो देवताओं को कोई भी फूल अर्पित किया जा सकता है, लेकिन कहा जाता है कि खाटू बाबा को गुलाब के फूल बहुत प्रिय हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खाटूश्याम बाबा को गुलाब के फूल अर्पित करने से वे भक्तों पर बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
गुलाब का फूल क्यों चढ़ाया जाता है?
हिंदू धर्म में गुलाब को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। जब भक्त बाबा श्याम को गुलाब या गुलाब की माला चढ़ाते हैं, तो यह भक्तों के प्रेम, अटूट विश्वास और भक्ति का प्रतीक होता है। गुलाब अर्पित करके भक्त अपनी गलतियों की क्षमा याचना करते हैं। साथ ही, अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और बाबा को प्रसन्न करने के लिए भक्त उन्हें गुलाब अर्पित करते हैं।
खाटू बाबा को गुलाब क्यों चढ़ाते हैं?
ऐसा माना जाता है कि जब बाबा खाटूश्याम युवा थे, तब उनके जन्मस्थान के पास गुलाबों का एक शहर हुआ करता था। वे अपना अधिकांश समय वहीं बिताते थे और उन्हें गुलाबों से खेलना बहुत पसंद था। तभी से गुलाब उनके प्रिय बन गए। तभी से लोग बाबा श्याम को गुलाब और गुलाब का इत्र चढ़ाने लगे।बाबा खाटूश्याम की श्रृंगार आरती के दौरान उनका विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर के पुजारी इस श्रृंगार में सुगंधित गुलाबों का प्रयोग करते हैं। जानकारी के अनुसार, बाबा खाटू को गुलाब और उनकी सुगंध बहुत पसंद है। इसीलिए बाबा श्याम के गर्भगृह में भी गुलाब के इत्र की सुगंध फैलती रहती है।
गुलाब के फूल चढ़ाने का चलन
हारे का सहारा कहे जाने वाले खाटू बाबा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों ने गुलाब के फूल चढ़ाने का एक नया चलन शुरू किया है। इस चलन के बारे में भक्तों का मानना है कि गुलाब को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, इसलिए वे बाबा खाटूश्याम के दरबार में आकर अपने प्रेम का इज़हार करने के लिए गुलाब के फूल चढ़ाते हैं।
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