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सरकार की गाइडलाइंस के बाद ओला-उबर से सफर हुआ महंगा, अब एक ही दूरी के लिए चुकाना होगा दोगुना किराया

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केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए आदेश का अब ऐप आधारित टैक्सी कंपनियों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है। आपको बता दें कि ऑफिस आने-जाने या शाम के पीक ऑवर्स में ओला, रैपिडो और उबर का इस्तेमाल करने वालों को अब दोगुना किराया देना होगा।

दिशानिर्देश जारी
इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत ऐप आधारित टैक्सी कंपनियां अब पीक ऑवर्स में दोगुना किराया वसूल सकेंगी। साथ ही अगर ड्राइवर राइड लेने के बाद उसे कैंसिल करता है तो उस पर किराए का 10 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा।

मोटर व्हीकल एग्रीगेटर दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत ओला, उबर, इनड्राइव और रैपिडो जैसी कैब कंपनियों को पीक ऑवर्स में बेस किराए से दोगुना किराया लेकर सवारी करने की अनुमति दी गई है।

इस समय वसूला जाएगा नया किराया
आपको बता दें कि पीक ऑवर्स वह समय होता है जब सड़कों पर ट्रैफिक ज्यादा होता है, ऐसे समय में कैब की मांग बढ़ जाती है। अधिकतर यह सुबह 8 से 11 बजे और शाम 5 से 9 बजे के बीच होता है। बारिश, त्योहार या किसी विशेष आयोजन के दौरान दोगुना किराया देना होगा। इसके अलावा नॉन पीक ऑवर्स के दौरान बेस किराया कम से कम 50 फीसदी होगा। दोपहर या देर रात के दौरान न्यूनतम किराया बेस किराए का आधा होगा। जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोई भी कंपनी बेस किराए से कम किराया नहीं वसूल सकेगी। साथ ही इसमें ड्राइवरों की आय को भी सुनिश्चित किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि बेस किराया वह मूल किराया होता है, जो किसी भी कैब या टैक्सी के लिए एक तय दूरी के लिए तय होता है। यह बेस किराया राज्य सरकारें तय करती हैं। केंद्र सरकार ने सभी कैब ड्राइवरों के लिए पांच लाख तक का बीमा कवर लेना अनिवार्य कर दिया है।

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