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एयर कंडीशनर के तापमान को लेकर भारत सरकार की ये है तैयारी

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Getty Images भारत में एयर कंडीशनर के इस्तेमाल को लेकर नए नियम लागू होने वाले हैं (सांकेतिक तस्वीर)

भारत सरकार ने देशभर में एयर कंडीशनर (एसी) के इस्तेमाल को लेकर एक अहम घोषणा की है. केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को बताया कि अब एसी के तापमान का एक स्टैंडर्ड तय किया जाएगा.

यानी जिस एसी के ज़रिए घर, दफ़्तर और अन्य स्थानों में तापमान को कंट्रोल किया जाता है, उस एसी को अब सरकारी नियमों के तहत कंट्रोल किया जाएगा.

मनोहर लाल खट्टरने बताया है कि सरकार एक नई व्यवस्था लागू करने जा रही है जिसके तहत देशभर में सभी एयर कंडीशनर्स के तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 28 डिग्री सेल्सियस के ऊपर नहीं रखा जा सकेगा.

उन्होंने बताया है कि इस प्रावधान को बहुत जल्दी लागू किया जाएगा. हम इस कहानी में जानने की कोशिश करेंगे कि भारत सरकार के इस नए नियम का क्या असर होगा और इसे लागू करने में क्या चुनौतियां पेश आ सकती हैं.

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नए नियमों को लागू करना कितना आसान image Getty Images केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दुनिया के कई देशों में एसी के इस्तेमाल को लेकर नियमों का हवाला दिया है

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि दुनिया के कई देशों में एसी के तापमान को नियंत्रित रखने को लेकर नियम हैं.

उन्होंने यह भी कहा है कि फ़िलहाल एसी के तापमान को 20 से 28 डिग्री रखने का फ़ैसला किया गया है, क्योंकि ज़्यादा बदलाव करने से इस पर लोग सवाल भी उठा सकते हैं.

ज़ाहिर है सरकार की नज़र इस नियम में कुछ और बदलाव करने पर भी है, लेकिन पहले वो यह देखना चाहती है कि लोग इसे स्वीकार करें और इसे लागू किया जा सके.

हालांकि अभी इसकी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है कि भारत में एसी को नियंत्रित करने के लिए क्या तरीके़ अपनाए जाएंगे.

बिजली और ऊर्जा के अन्य क्षेत्रों पर नज़र रखने वाले सौरभ कुमार कहते हैं, "यह काम मुश्किल है लेकिन ऐसा हो सकता है. बिजली के मीटर के ज़रिए इस चीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है. आपके मीटर पर जो लोड स्वीकृत है उसके ज़रिए एसी में इस्तेमाल होने वाली बिजली नियंत्रित की जा सकती है."

सौरभ कुमार बताते हैं कि एसी का तापमान जितना कम रखा जाएगा, बिजली की खपत उतनी ज़्यादा होगी और इस तरह से नए नियम लागू हो सकते हैं.

हालांकि इस मामले में ऐसी व्यवस्था भी की जा सकती है कि भारतीय बाज़ार के लिहाज़ से एसी का निर्माण हो, यानी उसमें न्यूनतम और अधिकतम तापमान पहले से ही तय कर दिए जाएं.

सौरभ कुमार कहते हैं, "ऐसा करने में परेशानी यह है कि ऑपरेशन थिएटर, तकनीकी मशीनों और कई उद्योगों या फ़ैक्टरी के लिए कम तापमान की ज़रूरत होती है, ऐसे में पहले से नियंत्रित और तैयार एसी से इन जगहों पर परेशानी हो सकती है."

इसके अलावा ऐसा करने से पुराने एसी में नए नियम लागू करना संभव नहीं होगा और नए नियम लागू होने के बाद भी पुराने एसी के तापमान को कंट्रोल नहीं किया जा सकेगा.

भारत में एसी का इस्तेमाल image Getty Images बढ़ते तापमान के साथ ही भारत में एसी के इस्तेमाल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है (सांकेतिक तस्वीर)

भारत में एक तरफ़ आबादी बढ़ रही है दूसरी तरफ़ इसकी ज़रूरतें पूरी करने का दबाव भी बढ़ा है.

ख़ासकर शहरी इलाक़ों में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. पीआईबीकी एक प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ भारत में वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 250 गीगावॉट (GW) बिजली की मांग रही थी.

देश में प्रति व्यक्ति बिजली का उपभोग साल 2023-24 के दौरान साल 2013-14 से क़रीब 50 फ़ीसदी ज़्यादा बढ़ा है, यानी इस मामले में दस साल में 50 फ़ीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

भारत के नेशनल कमीशन ऑन पॉपुलेशन के मुताबिक़ साल 2036 तक भारत की क़रीब 38% आबादी शहरी इलाक़ों में रहने लगेगी. यानी बढ़ते शहरीकरण से बिजली की मांग भी बढ़ेगी.

सौरभ कुमार बताते हैं, "लोग आमतौर पर घरों में 24-25 डिग्री सेल्सियस पर ही एसी चलाते हैं. लेकिन शॉपिंग मॉल, बड़ी दुकानों और सिनेमाघरों या दफ़्तरों में एसी का तापमान काफ़ी कम कर दिया जाता है. इसके अलावा आजकल कई युवाओं में देखा जाता है कि वो भी एसी को काफ़ी कम तापमान पर चलाते हैं."

"इस तरह से देखें तो कई जगहों पर एसी के तापमान को काफ़ी कम रखा जाता है और इसके लिए सरकार का नया प्रावधान काफ़ी अहम है, लेकिन इसे लागू कैसे करेंगे और यह कितना सफल होता है यह देखना होगा."

सौरभ कुमार मानते हैं कि इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा, बिजली की भी बचत होगी और लोगों को यह फ़ायदा होगा कि बिजली के बिल में थोड़ी बचत होगी, लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं होगा.

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एसी के इस्तेमाल में बढ़ोतरी image Getty Images एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले साल भारत में एसी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है

अंग्रेज़ी अख़बार इकोनॉमिक टाइम्स की एक ख़बर के मुताबिक़ पिछले साल भारत में रिकॉर्ड एक करोड़ चालीस लाख एसी की बिक्री हुई है.

मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन के मुताबिक़ भारत में एसी के इस्तेमाल और इसे ख़रीदने में लोग जो पैसे ख़र्च कर रहे हैं, उसमें लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

एयर कंडीशनर ख़रीदने के मामले में शहरी इलाक़े देश के ग्रामीण इलाक़ों से काफ़ी आगे हैं, ज़ाहिर तौर पर शहरों की आर्थिक स्थिति बेहतर होने की वजह से ऐसा देखा गया है.

यानी एसी ख़रीदने के लिए पैसे ख़र्च करना न केवल गर्मी पर निर्भर करता है, बल्कि यह राज्य या इलाक़े की आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर करता है.

मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन के आंकड़ों के मुताबिक़- चंडीगढ़, दिल्ली, पुद्दुचेरी, गोवा, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्य एयर कंडीशनर की ख़रीदारी के मामले में काफ़ी आगे हैं.

सौरभ कुमार कहते हैं कि किसी इलाक़े या हाउसिंग सोसायटी के कुछ घरों में एसी का इस्तेमाल हो रहा हो तो बाक़ी लोगों को भी गर्मी से बचने के लिए एसी लगाना होता है.

उनका कहना है कि ग्रीनहाउस गैस और ग्लोबल वॉर्मिंग का असर कुछ इस तरह हो रहा है कि मसूरी जैसी जगह पर भी लोग गर्मी से बचने के लिए एसी का इस्तेमाल करने लगे हैं.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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