पाकिस्तान ने कहा है कि वो भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मध्यस्थता के लिए वर्ल्ड बैंक जाएगा.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने अब कोई कार्रवाई की तो ये जंग का एलान माना जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान को पानी से वंचित नहीं कर सकता है. ये उसका अधिकार है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से जब मुंबई में 26/11 हमलों के कथित मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह के लोग अब निष्क्रिय हो चुके हैं. भारत ने पाकिस्तान से हाफ़िज़ सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है.
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'ये जंग का एलान माना जाएगा'बीबीसी की संवाददाता आज़ादेह मोशीरी ने जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फ़ैसले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, भारत एकतरफ़ा इस संधि से पीछे नहीं हट सकता.
उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान इस मामले में किसी मध्यस्थता के लिए विश्व बैंक या किसी और के पास पहुंचा है.
इस पर उन्होंने कहा, ''हम इस मामले को लेकर वर्ल्ड बैंक जाएंगे क्योंकि उसकी मध्यस्थता में संधि हुई थी. ये संधि1960 में हुई थी और ये काफी लंबे समय से सफल रही है. लेकिन वो (भारत) इससे एकतरफ़ा पीछे नहीं हट सकता.''
सिंधु जल संधि को निलंबित करते समय भारत की ओर से दी गई 'चेतावनी' के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो यह युद्ध का एलान माना जाएगा.
उन्होंंने कहा, ''ऐसा करके आप हमें पानी से वंचित करेंगे, जो हमारा अधिकार है. भारत ने हमारे इस अधिकार को माना है. ये बात सिंधु जल संधि में लिखी है. हम चाहते हैं कि ये संधि जारी रहे.''
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले के बाद भारत की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाई थी.
इस बैठक में भी सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फ़ैसले को नामंज़ूर करते हुए कहा गया कि इस संधि के तहत पाकिस्तान के हिस्से में पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और इसका पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा.
हाफ़िज़ सईद पर क्या बोले पाकिस्तान के रक्षा मंत्रीख्वाजा आसिफ़ से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय चरमपंथी समूहों पर निगाह रखने और उन पर किसी हमले की जिम्मेदारी महसूस करता है.
इस पर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा,''वो बेकार हो चुके हैं. बेकार यानी निष्क्रिय हो चुके हैं. वो विलुप्त हो चुके हैं.''
इसके बाद बीबीसी पत्रकार ने पूछा, ''हाफ़िज़ सईद जैसे लोग, जिन पर अमेरिका ने इनाम घोषित कर रहा है, उनके बारे में भी आप ऐसा सोचते हैं.''
इस उन्होंने कहा, ''ऐसे लोग आउटडेट हो चुके हैं. वो अब आर्काइव का हिस्सा हैं.''
भारत का मानना है कि पाकिस्तान में रह रहे हाफ़िज़ सईद 2008 में मुंबई हमलों और भारत में चरमपंथी कार्रवाइयों में शामिल है.
भारत ने पाकिस्तान से उनके प्रत्यर्पण की मांग की है. यूएन और अमेरिका दोनों ने हाफ़िज़ सईद को 'ग्लोबल टेररिस्ट' की सूची में डाला हुआ है. अमेरिका ने उन पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. हाफ़िज़ सईद पाकिस्तान के सबसे बड़े चरमपंथी समूह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक माने जाते हैं.
भारत के अनुसार हाफ़िज़ सईद के प्रत्यर्पण की मांग इसलिए की गई ताकि भारत में उनके ख़िलाफ़ अदालती कार्रवाई की जा सके.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ से पूछा गया कि पाकिस्तानी ज़मीन से कश्मीर में चरमपंथी हमलों का इतिहास रहा है. इसपर वह क्या कहेंगे.
उन्होंने जवाब दिया, ''मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तान की ओर से भारत में घुसपैठ असंभव है. क्योंकि नियंत्रण रेखा पर दोनों ओर के लाखों सैनिक मौजूद हैं.''

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की ओर से उठाए गए कदमों के जवाब के बारे में पूछे सवाल पर ख्वाजा आसिफ़ ने कहा, ''भारत ने पिछले 24 घंटों में जो किया हम सिर्फ उसका जवाब दे रहे हैं. हम चुपचाप इसे देखते नहीं रह सकते. हमें इसका उसी तरीके और अंदाज़ में जवाब देना था.''
बीबीसी की पत्रकार ने पूछा कि क्या ये राजनयिक तौर पर 'जैसे को तैसा' जैसा है. क्या इससे संघर्ष की स्थिति नहीं बन रही है.
इस पर उन्होंने कहा, ''मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा न हो. लेकिन हालात ऐसे हैं कि संघर्ष की स्थिति आ सकती है. लेकिन उम्मीद करता हूं कि ऐसा न हो.''
बीबीसी की पत्रकार ने पूछा कि जब ऐसी स्थिति है तो पाकिस्तान की सेना की क्या तैयारियां हैं.
इसका जवाब देते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, ''हमें तैयारी नहीं करनी है. हम तैयारी कर चुके हैं. हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं.''
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से पूछा गया कि भारत ये आरोप लगाता रहा है कि उनका देश कश्मीर में सक्रिय चरमपंथी गुटों को अपने यहां से हथियार और पैसे देता है, इस पर आप क्या कहेंगे.
उनका जवाब था, ''कश्मीर में जो हो रहा है उससे हमारा कोई संबंध नहीं है.''
जब ख्वाजा आसिफ़ से सवाल किया गया कि भारतीय पुलिस ने नोटिस निकाल कर कहा है कि दो पाकिस्तानी नागरिक पहलगाम हमले में शामिल थे. क्या उन्हें इस बारे में मालूम है.
उन्होंने कहा, ''हमें इसके बारे में बिल्कुल कोई जानकारी नहीं है. पिछले 48 घंटों में भारतीय मीडिया में इस बारे में कुछ भी नहीं है. लेकिन उन्होंने कोई कहानी गढ़ ली होगी तो मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है.
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की कार्रवाई के जवाब में गुरुवार को पाकिस्तान ने भी कई क़दम उठाने की घोषणा की थी.
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की अध्यक्षता में गुरुवार को इस्लामाबाद में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसलों के तहत भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने, हवाई क्षेत्र और सीमाओं को बंद करने और व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की गई.
भारत की तरह पाकिस्तान ने भी रक्षा सलाहकारों और उनके सहायकों को देश छोड़ने को कहा है. साथ ही अपने राजनयिक स्टाफ को सीमित कर दिया है.
बैठक के बाद बयान में सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फ़ैसले को नामंज़ूर करते हुए कहा गया कि इस संधि के तहत पाकिस्तान के हिस्से से पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.
भारत ने की थी ये कार्रवाईइससे पहले कश्मीर के पहलगाम में चरमपंथी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद भारत ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक की थी.
इसके बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया. साथ ही अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फ़ैसला किया गया था.
भारत के विदेश सचिव सचिव विक्रम मिसरी ने कहा था अब पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीज़ा छूट स्कीम (एसवीईएस) के तहत जारी वीज़ा पर भारत की यात्रा नहीं कर पाएंगे.
भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को भी वापस बुलाने का फैसला किया था. दोनों उच्चायोग में ये पद खत्म कर दिए गए थे.
दोनों उच्चायोगों से इन सैन्य सलाहकारों के पांच सपोर्ट स्टाफ को भी वापस लेने का फैसला किया गया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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