चार्ली कर्क अमेरिका के सबसे हाई-प्रोफाइल कंज़र्वेटिव कार्यकर्ताओं और मीडिया हस्तियों में से एक थे.
कर्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगी थे.
31 वर्षीय कर्क देश भर के कॉलेज कैंपसों में ओपन-एयर डिबेट्स आयोजित करने के लिए जाने जाते थे.
बुधवार को यूटा के एक कॉलेज में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
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साल 2012 में 18 वर्ष की उम्र में वो टर्निंग प्वाइंट यूएसए (टीपीयूएसए) के सह-संस्थापक बने थे.
ये एक छात्र संगठन है, जिसका उद्देश्य उदारवादी झुकाव वाले अमेरिकी कॉलेजों में रूढ़िवादी आदर्शों का प्रसार करना है.
उनके सोशल मीडिया और पॉडकास्ट पर अक्सर छात्रों के साथ ट्रांसजेंडर पहचान, जलवायु परिवर्तन, धर्म और पारिवारिक मूल्यों जैसे मुद्दों पर उनकी बहस का वीडियो साझा किया जाता है.
कॉलेज छोड़ राजनीति में 'एंट्री'
शिकागो के प्रॉस्पेक्ट हाइट्स इलाक़े में प्रभावशाली लोग रहते हैं. कर्क वहीं पले-बढ़े. उनके पिता आर्किटेक्ट थे.
कर्क ने शिकागो के पास एक कम्युनिटी कॉलेज में पढ़ाई की, लेकिन राजनीति में उतरने के लिए पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.
उन्होंने प्रतिष्ठित अमेरिकी सैन्य अकादमी, वेस्ट प्वाइंट के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका.
कर्क अक्सर छात्रों और शिक्षकों के साथ उत्तर-आधुनिकतावाद (पोस्ट मॉडर्निज़्म) जैसे गंभीर विषयों पर बहस करते हुए इस बात का मज़ाक उड़ाते थे कि उनके पास कॉलेज की डिग्री तक नहीं है.
साल 2012 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के दोबारा निर्वाचित होने के बाद टीपीयूएसए में उनकी सक्रियता और तेज़ हो गई.
इस एनजीओ का उद्देश्य छात्रों को 'फ्री ट्रेड से लेकर सरकार के अधिकारों को सीमित रखने' जैसे विचारों को बढ़ावा देने के लिए संगठित करना है.
अब इस संगठन की अमेरिका के 850 से ज़्यादा कॉलेजों में शाखाएँ हैं.
कर्क ने देश भर में रिपब्लिकन पार्टी के कार्यक्रमों में भाषण दिए.
उनके कई भाषण अति-रूढ़िवादी टी पार्टी आंदोलन के सदस्यों के बीच काफ़ी लोकप्रिय रहे.
सीबीएस न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, उनके कंज़र्वेटिव रेडियो टॉक शो के सोशल मीडिया पेजों पर लाखों फ़ॉलोअर थे.
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कर्क दमदार वक्ता थे. उन्होंने इस साल की शुरुआत में ऑक्सफ़र्ड यूनियन को संबोधित किया था.
साल 2020 में उन्होंने द मागा डॉक्ट्रिन नाम की किताब लिखी, जो बेस्ट सेलर साबित हुई. यह किताब ट्रंप के 'मेक अमेरिका ग्रेट' अभियान की वकालत करती है.
टीपीयूएसए ने पिछले साल के चुनाव में ट्रंप और अन्य रिपब्लिकन उम्मीदवारों के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभाई थी.
कर्क को हज़ारों नए मतदाताओं को रजिस्टर्ड कराने और एरिज़ोना राज्य को ट्रंप के पक्ष में करने में मदद करने का व्यापक श्रेय दिया गया.
कर्क ने जनवरी में वॉशिंगटन डीसी में ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था. ट्रंप के दोनों कार्यकालों के दौरान वे व्हाइट हाउस के नियमित मेहमान रहे.
बुधवार को ट्रंप ने कर्क को श्रद्धांजलि देते हुए उनके निधन की घोषणा की.
ट्रंप ने कहा, "महान, और महानतम व्यक्ति, चार्ली कर्क का निधन हो गया है. अमेरिका में युवाओं के दिल को चार्ली से बेहतर कोई नहीं समझ सकता था."
राष्ट्रपति ट्रंप और उनके सहयोगी कर्क की राजनीतिक पकड़ की कद्र करते थे.
उन्होंने रिपब्लिकन सम्मेलनों में भाषण दिए. पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप ने एरिज़ोना में टर्निंग प्वाइंट सम्मेलन में भाषण देकर इस अहसान का बदला चुकाया था.
विवादित विचारइस साल की शुरुआत में उन्होंने ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ ग्रीनलैंड की यात्रा की थी.
उस समय ट्रंप यह तर्क दे रहे थे कि ग्रीनलैंड पर अमेरिका का कब्ज़ा होना चाहिए.
कर्क की शादी पूर्व मिस एरिज़ोना से हुई थी. उन्हें कंज़र्वेटिव राजनीति का भविष्य माना जाता था, लेकिन साथ ही उन्हें अत्यधिक ध्रुवीकरण करने वाले व्यक्ति के रूप में भी देखा जाता था.
रिपब्लिकन राजनीति में उनके योगदान के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि शायद ख़ुद ट्रंप की ओर से आई.
यह कर्क के पॉडकास्ट की शुरुआत में चलाए गए एक क्लिप में थी.
इस क्लिप में राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं, "मैं चार्ली को धन्यवाद देना चाहता हूँ, वह एक अद्भुत व्यक्ति हैं. उन्होंने अब तक के सबसे शक्तिशाली युवा संगठनों में से एक का निर्माण करने में शानदार काम किया है."
कर्क ने अपने कार्यक्रमों और पॉडकास्ट में कई राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की.
इन्हीं में से एक मुद्दा था गन कंट्रोल.
कुछ महीने पहले दिए एक भाषण में कर्क ने कहा था, "दुर्भाग्यवश, हर साल बंदूक से होने वाली कुछ मौतों की क़ीमत चुकाना सही है, ताकि हम संविधान के दूसरे संशोधन को लागू कर सकें."
उनके कई विचार विवादास्पद माने गए.
सीबीएस न्यूज़ के अनुसार, कर्क ने कोविड महामारी पर संदेह जताया था, ट्रांसजेंडरों के ख़िलाफ़ प्रचार किया था और सार्वजनिक रूप से इस झूठे दावे को बढ़ावा दिया था कि 2020 का चुनाव ट्रंप से चुराया गया.
सीबीएस की ही रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने 'ग्रेट रिप्लेसमेंट' साज़िश के सिद्धांत का भी समर्थन किया था. इस सिद्धांत के मुताबिक़ श्वेत आबादी को अल्पसंख्यकों से प्रतिस्थापित करने की साज़िश चल रही है.
हालाँकि कुछ लोगों का कहना था कि कर्क अलग-अलग विचारों पर बहस की सराहना करते थे और उसे प्रोत्साहित करते थे.
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