अफ़ग़ानिस्तान के पक्तीका प्रांत के अरघुन ज़िले में हुए एक हमले में 17 लोगों की मौत हो गई है. इनमें तीन युवा क्रिकेटर भी शामिल हैं.
इस हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अगले महीने से होने वाली तीन देशों की टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला किया है.
इस सिरीज़ में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका खेलने वाले थे. अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अफ़ग़ानिस्तान की जगह ज़िम्बाब्वे के इस सिरीज़ में शामिल होने की घोषणा की है.
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने इस हमले को "कायराना हमला" कहा है और हमले में तीन क्रिकेट खिलाड़ियों कबीर आग़ा, सिबग़तुल्लाह और हारून की मौत की जानकारी दी है.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिएयहाँ क्लिककरें
पाकिस्तान का कहना है कि सुरक्षा बलों ने अफ़ग़ान सीमा से लगे उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान ज़िलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में 'आतंकवादी शिविरों' को निशाना बनाया है.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने एक्स पर एक बयान में कहा कि बॉर्डर पर 'आतंकवादी' समूह हाफ़िज़ गुल बहादुर के ठिकानों पर हमला किया गया है.
अफ़ग़ान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि रक्षा मंत्री मोहम्मद याक़ूब की अगुवाई में एक अफ़ग़ान प्रतिनिधिमंडल दोहा वार्ता में शामिल होने के लिए क़तर रवाना हो गया है.
'एक्स' पर जारी अपने बयान में मुजाहिद ने आरोप लगाया कि 'शुक्रवार रात पाकिस्तानी सेना ने पक्तीका प्रांत के रिहायशी इलाकों में हवाई हमले किए. इसमें कई आम नागरिकों की मौत हो गई और कुछ घायल हुए.'
मुजाहिद ने कहा कि अफ़ग़ान सरकार अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन की कड़ी निंदा करती है और इन कार्रवाइयों का जवाब देने का अधिकार अपने पास रखती है.
- तालिबान को लेकर भारत ने इस वजह से बदली अपनी रणनीति- द लेंस
- अफ़ग़ानिस्तान को जंग में हराना क्यों है मुश्किल?

अफ़ग़ानिस्तान के तीन क्रिकेटरों की मौत पर आईसीसी, बीसीसीआई और अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बयान जारी किया है.
आईसीसी ने अपने बयानमें लिखा है कि वह तीन युवा खिलाड़ियों की मौत से बेहद दुखी है.
इस बयान में बताया गया है, "तीन युवा खिलाड़ी फ़्रेंडली क्रिकेट मैच में भाग लेकर घर लौट रहे थे जब वे एक हमले में मारे गए. आईसीसी हिंसा की इस हरकत की निंदा करता है. आईसीसी अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और दुख में उनके साथ है."
आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट कर इस घटना पर दुख जताया है.
उन्होंने लिखाहै, "तीन युवा अफ़ग़ान क्रिकेटरों कबीर आग़ा, सिबग़तुल्लाह और हारून के निधन से दुखी हूं, जिनके ख़्वाब हिंसा की अर्थहीन हरकत की वजह से ख़त्म हो गए."
वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी अपने बयान में कहा है कि वह अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड, क्रिकेट बिरादरी और उनके परिवारों के साथ खड़ा है.
इसमें लिखा है, "निर्दोष लोगों और ख़ासकर होनहार खिलाड़ियों की जान जाना बेहद दुखद और चिंता का विषय है. बीसीसीआई अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है और उनके दुख और नुक़सान में शामिल है."
अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने आईसीसी के बयान जारी करने पर उसका आभार जताया है.
एसीबी ने एक्स पर एक पोस्टमें लिखा है, "अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक बार फिर इस हिंसक कार्य की कड़ी निंदा करता है. आईसीसी की एकजुटता की सराहना करते हुए, एसीबी इस अमानवीय हमले के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करता है."
- देवबंद में तालिबान के मंत्री के स्वागत पर बहस, दारुल उलूम के प्रिंसिपल मौलाना मदनी ने दिया जवाब
- पुराने 'दुश्मनों' से नई दोस्ती: तालिबान और भारत के बदलते रिश्ते नए दौर की आहट?
इससे पहले एसीबी ने इस हमले के बाद तीन देशों की टी20 सिरीज़ से पीछे हटने की बात की थी.
बोर्ड ने कहा था, "खिलाड़ियों के सम्मान और इस दुखद घटना की प्रतिक्रिया के रूप में अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आगामी नवंबर महीने के अंत में पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय टी20 सिरीज़ से हटने का फ़ैसला लिया है."
ये सिरीज़ 17 से 29 नवंबर के बीच पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका के बीच लाहौर और रावलपिंडी में खेली जानी थी.
बोर्ड का कहना है कि खिलाड़ी एक फ्रेंडली क्रिकेट मैच में हिस्सा लेने के लिए पक्तीका प्रांत की राजधानी शारना गए थे. वहाँ से अरघुन लौटने के बाद एक सभा में उन्हें निशाना बनाया गया.
बोर्ड ने इसे अफ़ग़ानिस्तान के खेल, खिलाड़ियों और क्रिकेट के लिए बड़ा नुक़सान क़रार दिया है.
घटना की चौतरफ़ा निंदाअंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन ने पाकिस्तानी सेना की तरफ़ से स्थानीय अफ़ग़ान क्रिकेट टीम पर बमबारी की कड़ी निंदा की है.
फाउंडेशन ने कहा है कि आम लोगों को निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर का उल्लंघन है.
फाउंडेशन ने सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार के क्षेत्र में काम कर रहे संगठनों से अपील की है कि वे जल्द घटना की जांच करें और अफ़ग़ान नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा के पैटर्न की पड़ताल करें.
इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी इस घटना पर दुख जताया है.
अफ़ग़ानिस्तान के स्टार खिलाड़ी राशिद ख़ान ने हमले को 'त्रासद' बताया है और कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज़ से पीछे हटने के एसीबी के फ़ैसले का समर्थन करते हैं.
उन्होंने कहा, "नागरिकों को निशाना बनाया जाना पूरी तरह से अनैतिक और बर्बर है. इस तरह के ग़ैर-क़ानूनी और अन्यायपूर्ण एक्शन मानवाधिकारों का उल्लंघन है."
मोहम्मद नबी ने इसे क्रूर हमला करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल पक्तीका के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत और अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत दुख की बात है.
गुलबदीन नायब ने इस हमले को 'पाकिस्तानी सेना की क्रूर हरकत' क़रार दिया. उन्होंने कहा, "यह हमारे लोगों, गौरव और स्वतंत्रता पर हमला है. लेकिन यह अफ़ग़ानिस्तान के जज़्बे को कभी नहीं तोड़ पाएगा."
बीबीसी पश्तो के मुताबिक़, मोहम्मद नबी ने कहा, "यह घटना न केवल पक्तीका के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट परिवार और अफ़ग़ानिस्तान के लिए बहुत दुख की बात है. हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे."
वहीं हशमतुल्लाह शाहिदी ने कहा, "ये खिलाड़ी शांति, गौरव और देश के प्रतिनिधि थे. उन्होंने गेंद और बल्ले से देश का नाम रोशन किया."
- पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच फिर हुईं झड़पें, एक दूसरे के कई ठिकाने तबाह करने का किया दावा
- रेयर अर्थ खनिजों और अफ़ग़ानिस्तान से हुई झड़पों पर चीन ने पाकिस्तान को दी यह सलाह
अफ़ग़ानिस्तान तालिबान ने इस हमले को "अपराध" क़रार दिया है और कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक दोनों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता, सेना को किसी तरह की गतिविधि से बचना चाहिए.
बीबीसी पश्तो सेवा के अनुसार, पक्तीका हमले में हताहतों की संख्या के बारे में अभी पुख्ता जानकारी नहीं है.
तालिबान सरकार के एक प्रांतीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि शुक्रवार शाम, "पक्तीका के ख़ानदार गांव में एक व्यक्ति के घर पर बमबारी हुई, इसमें कई लोग मारे गए."
बीबीसी पश्तो सेवा के अनुसार, स्थानीय लोगों ने बताया है कि वहाँ क्रिकेट मैच चल रहा था. जिस वक़्त हवाई हमला हुआ, कुछ युवा रात के खाने के समय एक घर पर जुटे थे.
हमले में ज़ख़्मी लोगों का कहना है कि हमले के बाद इस इलाक़े में अधिक लोग इकट्ठा हो गए. इसके बाद दूसरा हमला किया गया, जिस कारण कई लोग हताहत हुए.
युद्धविराम पर चल रही बातचीत
बीते दिनों पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच कई झड़पों के बाद दोनों 48 घंटे के संघर्षविराम पर सहमत हुए थे.
दोनों के बीच क़तर की मध्यस्थता में दोहा में बातचीत चल रही है. शुक्रवार को दोनों के बीच 48 घंटों के युद्धविराम को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी थी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच दोहा में चल रही बातचीत नतीजे तक न पहुँचने पर युद्धविराम बढ़ाने की बात हुई थी.
अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के पास पाकिस्तान के उत्तरी वज़ीरिस्तान ज़िले में एक आत्मघाती हमले में सात पाकिस्तानी नागरिकों की मौत के कुछ घंटों बाद दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम बढ़ाने पर सहमति बनी थी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के बयान के अनुसार, इस हमले में छह विद्रोहियों को मार दिया गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, युद्धविराम आगे बढ़ाने की ख़बर के कुछ देर बाद पक्तीका प्रांत के पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद इस्माइल माविया ने कहा कि पाकिस्तान ने अरघुन और बरमल में हवाई हमले किए हैं.
अफ़ग़ानिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट टोलो न्यूज़ के अनुसार, दोहा में बातचीत के लिए पाकिस्तान की तरफ़ से रक्षा मंत्री ख़्वाज़ा आसिफ़ और ख़ुफ़िया प्रमुख आसिम मलिक शामिल हैं.
वहीं अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उनकी तरफ़ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद कर रहे हैं.
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को सुलझाना उनके लिए आसान है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने आठ युद्ध रुकवाए हैं.
ट्रंप ने कहा, "मैं समझता हूँ कि पाकिस्तान ने हमला किया है या अफ़ग़ानिस्तान पर हमला हो रहा है. अगर मुझे इसे सुलझाना हो तो यह मेरे लिए आसान है."
उन्होंने कहा, "इस बीच मुझे अमेरिका को भी चलाना है, लेकिन मुझे जंग सुलझाना पसंद है. पता है क्यों? मुझे लोगों को मरने से बचाना पसंद है और मैंने लाखों-करोड़ों लोगों की जान बचाई है."
बीते दिनों पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव काफ़ी बढ़ गया है.
शुक्रवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाज़ा आसिफ़ ने यहाँ तक कह दिया कि पाकिस्तान पहले की तरह अफ़ग़ानिस्तान के साथ संबंध नहीं रख सकता.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को अपने यहाँ आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए, नहीं तो उसे इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.
दोनों देशों के बीच तनाव में उस वक़्त बढ़ा, जब अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और अफ़ग़ानिस्तान के इलाक़ों पर हवाई हमले भी किए हैं.
इसके बाद बीते शनिवार यानी 11 अक्तूबर को तालिबान सरकार के रक्षा विभाग ने अफ़ग़ानिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में डूरंड लाइन के साथ पाकिस्तानी चौकियों पर जवाबी हमले शुरू किए.
इन हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान चौकियों पर हमला किया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
- तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस बार पहुंचीं महिला पत्रकार, क्या सवाल-जवाब हुए
- अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की वजह क्या मुत्तक़ी का भारत आना है?
- अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी, क़तर और सऊदी अरब ने दी ये सलाह
You may also like
डीएम व एसएसपी ने सुनी फरियादियों की समस्याएं, 16 मामलों का हुआ मौके पर निस्तारण
जनपद की सभी तहसीलों में आयोजित हुआ सम्पूर्ण समाधान दिवस
आईएचएफ आइटम निर्यात मेले में 112 देशों से आए ग्राहकों ने हस्तशिल्प उत्पादों में दिखाई दिलचस्पी
झारखंड के प्रख्यात संगीतज्ञ एसपी गुप्ता का निधन
अवैध बॉक्साइट उत्खनन पर संयुक्त छापेमारी, 12 टन खनिज जब्त