"ये ज़ाहिर तौर पर महिला वनडे इतिहास की सबसे बड़ी जीत है. ख़ासकर वो भी महिला वर्ल्ड कप के पहलू से. भारत ने एक बड़ा पड़ाव पार करके फ़ाइनल में जगह बना ली है और अब दो नवंबर को एक नया चैंपियन मिलेगा."
जैसे ही भारतीय पारी के 49वें ओवर में सोफ़ी मोलिन्यू की गेंद पर अमनजोत कौर ने चौका जड़ा, कमेंट्री बॉक्स से ये आवाज़ सुनाई दी.
वास्तव में भारत की ऐतिहासिक जीत के लिए इससे बेहतर शब्द शायद हो भी नहीं सकते थे.
ये सब मुमकिन हो पाया, उस दौरान दूसरे छोर पर खड़ी जेमिमा रॉड्रिग्स के करिश्माई शतक और डगआउट में नम आँखें लिए बैठीं कप्तान हरमनप्रीत कौर की 89 रन की पारी की बदौलत.
अमनजोत के विजयी शॉट के बाद जेमिमा ने भागकर उन्हें गले लगाया, तो वहीं हरमनप्रीत कौर डग आउट में ख़ुशी से उछल पड़ीं.
उन्होंने तुरंत अपने आस-पास मौजूद रहीं भारतीय खिलाड़ियों को गले लगाया और ख़ुशी से झूमने लगीं.
जेमिमा और हरमनप्रीत की नम आँखें ये बताने के लिए काफ़ी थीं कि कैसे उनकी साझेदारी ने नया इतिहास रचा और एक से बड़े एक कई रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए भारतीय टीम को तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में पहुँचा दिया.
वो भी एक ऐसी टीम को मात देकर जिसने महिला वर्ल्ड कप के अपने पिछले 15 मैचों में हार का स्वाद नहीं चखा था.
इस मुक़ाबले में भी जेमिमा और हरमनप्रीत की साझेदारी शुरू होने से पहले तक ऑस्ट्रेलिया ने अपने विजयी रहने के रिकॉर्ड को क़ायम रखने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी.
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए दूसरे सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत के सामने 339 रन का लक्ष्य रखा.
ये महिला वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर था.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 9.2 ओवर में 59 के स्कोर पर भारत की दोनों ओपनर्स शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना को पवेलियन वापस भेजकर भारत को बैकफ़ुट पर ला दिया.
जेमिमा को नहीं थी नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने की जानकारीलेकिन यहीं से बाज़ी पलटना शुरू हो गई. जेमिमा और हरमनप्रीत कौर ने तेज़ी से रन बनाना जारी रखा और रन गति के दबाव को हावी नहीं होने दिया.
मुश्किल परिस्थितियों में जेमिमा ने 56 गेंद पर ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया. वहीं हरमनप्रीत कौर ने 65 गेंद में अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद तेज़ी से खेलना शुरू कर दिया.
हालाँकि हरमनप्रीत कौर अपना शतक पूरा करने से चूक गईं. लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने 10 चौकों और दो छक्कों की मदद से 88 गेंद में 89 रन की पारी खेली.
हरमनप्रीत कौर ने जेमिमा के साथ तीसरे विकेट के लिए 167 रन की पार्टनरशिप की. यह महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत की ओर से तीसरे विकेट के लिए सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है.
जेमिमा इतने मज़बूत इरादों के साथ क्रीज़ पर डटी हुई थीं कि कप्तान हरमनप्रीत कौर मैच के बाद उनकी तारीफ़ करते हुए नहीं थकीं.
हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद कहा, "जेमिमा ने मानो सारा ज़िम्मा अपने कंधों पर ले रखा था. जब हम बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तो एक-दूसरे की सराहना भी कर रहे थे. जेमिमा ने दबाव नहीं आने दिया और मेरे लिए काम आसान किया. मुझे उनके साथ बल्लेबाज़ी करके बहुत मज़ा आया. वो सिर्फ़ ख़ुद रन नहीं बना रही थीं, बल्कि मुझे भी रन बनाने के लिए पुश कर रही थीं. उन्हें श्रेय देना बनता है."
भारतीय पारी के दूसरे ओवर में बल्लेबाज़ी करने उतरीं जेमिमा को पारी शुरू होने से पाँच मिनट पहले तक ये तक मालूम नहीं था कि उन्हें नंबर तीन पर खेलना है.
उन्होंने मैच के बाद कहा, "मैं अक्सर पाँच नंबर पर बल्लेबाज़ी करती हूँ. कभी-कभी मुझे नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा जाता है. मुझे पारी शुरू होने से पाँच मिनट पहले बताया गया कि नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने के लिए जाना है."
'मुझे बस टीम को जीत दिलानी थी'लेकिन जेमिमा जब क्रीज़ पर उतरीं, तो मानो ये ठानकर ही उतरीं थीं कि भारत को फ़ाइनल का टिकट दिलाकर ही पवेलियन वापस लौटेंगी.
यही वजह रही कि उन्होंने वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल मैच में ऐतिहासिक शतक रचने के बाद भी जश्न नहीं मनाया और इसके लिए भारत की जीत का इंतज़ार किया.
मैच ख़त्म होने के बाद जैसी ही उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिला, तो उनके आँसुओं के ज़रिए 127 रनों की नायाब पारी की कहानी बिना कुछ कहे ही बयां हो गई.
जेमिमा ने कहा, "मुझे बस टीम को जीत दिलानी थी. आज मेरे 50 या 100 की बात नहीं थी. आज सिर्फ़ बात ये थी की भारत को जीत मिले."
जेमिमा ने हरमनप्रीत के साथ साझेदारी को इस जीत की नींव बताया.
उन्होंने कहा, "अंत तक ख़ुद को शांत रखना बेहद मुश्किल था. लेकिन जब हरमनप्रीत कौर दी क्रीज पर आईं, तो हमने एक अच्छी साझेदारी के बारे में बात की. हमने तय किया कि रन स्कोर करते रहना है."
जेमिमा और हरमनप्रीत कौर की ये साझेदारी इतनी ख़ास रही कि महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार ही नॉकआउट मुक़ाबले में कोई टीम 300 से ज्यादा रन का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब हुई.
जेमिमा का मुश्किल सफ़रवर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में पहुँचने तक का सफ़र जेमिमा के लिए कितना मुश्किल था, ये उन्होंने मैच के बाद ख़ुद बयान किया.
उन्होंने कहा, "मेरे लिए बीते चार महीने बेहद मुश्किल रहे. लेकिन मैं अपने बारे में नहीं सोच रही थी. मुझे कोई प्वाइंट साबित नहीं करना था. मुझे बस टीम को जीत दिलानी थी, क्योंकि हमने अहम मौक़ों पर जीत को गँवाया है."
58 वनडे मैच खेल चुकी जेमिमा ने इस फ़ॉर्मेट में तीन शतक लगाए हैं और ये तीनों शतक इसी साल उनके बल्ले से निकले हैं.
हालाँकि मैच के बाद जेमिमा ने 2022 वनडे वर्ल्ड कप की टीम से ड्रॉप होने के दुख को भी साझा किया. उन्होंने कहा, "पिछली बार मुझे वर्ल्ड कप से ड्रॉप किया गया था. लेकिन इस बार मैं अच्छे फ़ॉर्म में थी."
"लेकिन कुछ ऐसा चल रहा था जिसे मैं कंट्रोल नहीं कर पा रही थी. इस दौरान मैं लगभग हर दिन रो रही थी. मुझे बहुत एंग्जाइटी हो रही थी. ड्रॉप होने के बाद एक और चैलेंज आ गया था."
हरमनप्रीत कौर के लिए भी थीं मुश्किलें
Getty Images मैच के बाद हरमनप्रीत कौर की आँखें नम नज़र आईं जेमिमा के अलावा हरमनप्रीत कौर के लिए भी इस वर्ल्ड कप में सफ़र आसान नहीं रहा. शुरुआती दो मैचों में जीत के बाद भारतीय टीम ने लगातार तीन मैच गँवा दिए थे.
एक वक़्त पर भारत के लिए सेमीफ़ाइनल में पहुँचने का सफ़र भी मुश्किल होता हुआ दिखाई दे रहा था.
लेकिन छठे मुक़ाबले में न्यूज़ीलैंड को मात देकर ना सिर्फ़ हरमनप्रीत कौर की टीम ने ज़ोरदार वापसी की बल्कि ये भी दिखाया कि इस बार वो इतिहास रचने में कोई कसर नहीं रहने देगी.
हालाँकि सेमीफ़ाइनल से पहले शानदार फ़ॉर्म में चल रही ओपनर प्रतीका रावल का चोटिल होना भी भारत के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला ही रहा.
वहीं वर्ल्ड कप में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी, टीम की ख़राब फ़ील्डिंग और उम्मीद के मुताबिक़ रन नहीं बनाने की वजह से भी निशाने पर थी.
लेकिन इस मुक़ाबले में उन्होंने एक पारी से ही मानो सभी सवालों के जवाब दे दिए.
अब नवी मुंबई के इसी डीवाई पाटिल स्टेडियम में दो नवंबर को हरमनप्रीत कौर की टीम की टक्कर दक्षिण अफ़्रीका से होगी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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