पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि रोहित और विराट को वनडे क्रिकेट छोड़कर, टेस्ट खेलते रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दोनों ने टी20 और टेस्ट छोड़ने का जो फैसला किया, वह काफी उलटा फैसला था। चोपड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने जब 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने से पहले एक साल में बहुत कम वनडे मैच खेले थे।
अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने कहा कि दोनों ने गलत फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले ली। अगर वे टेस्ट क्रिकेट खेलते रहते और वनडे से रिटायरमेंट लेते तो शायद आज हालात बेहतर होते। उदाहरण के तौर पर, भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले 12 महीने में केवल 6 वनडे मैच खेले, जो तैयारी के रूप में बहुत कम है।
लम्बे अंतराल से खिलाड़ियों की लय पर असरचोपड़ा ने आगे बताया कि इतने लंबे अंतराल में खेलने से खिलाड़ियों की लय पर असर पड़ता है। उनके अनुसार, खिलाड़ी अगर साल में सिर्फ 6 टेस्ट मैच भी खेले, तो वह करीब 30 दिनों का खेल होता है, लेकिन अगर वही खिलाड़ी साल में 6 वनडे खेल रहा है, तो वह केवल 6 दिन ही मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखा पाता है। आमतौर पर आईपीएल के 100 दिन बाद वनडे का मुकाबला होता है, जिसका मतलब है कि खिलाड़ी खेल और अभ्यास से दूर रहता है।
उन्होंने यह भी कहा कि 3 मैचों की सीरीज एक हफ्ते में निपट जाती है, फिर अगली सीरीज कई महीने बाद होती है। ऐसे बड़े-बड़े गैप में खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेलते, तो अगर वे टेस्ट खेलते रहते और वनडे छोड़ देते तो निरंतरता बनी रहती।
उनकी राय है कि लंबे ब्रेक के बाद अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होता है। साल में दो महीने लगातार आईपीएल खेलना, जहां लगभग 14 पारियों से ज्यादा खेलने को मिलता है, और फिर कई महीने तक अंतरराष्ट्रीय मैदान पर कदम न रखना, उसके बाद केवल 2-3 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना यह पूरा प्रक्रिया तैयारी के लिहाज से कठिन है।
फिलहाल भारत का अगला वनडे मुकाबला ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होगा, और इसके बाद ये दोनों दिग्गज हमें आईपीएल में हमें मैदान पर खेलते हुए नजर आएंगे।
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