नई दिल्ली: रेलवे सेक्टर की सरकारी कंपनी Railtel Corporation of India Ltd के स्टॉक पर शुक्रवार को निवेशकों की नज़र रहने वाली है. इसका कारण यह है कि कंपनी को कर्नाटक के ई-गर्वर्नेंस सेंटर से एक बड़ा ऑर्डर मिला है. इस ऑर्डर के बाद स्टॉक में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है. हालांकि गुरुवार को स्टॉक लाल निशान पर बंद हुआ था.
कंपनी को मिला ऑर्डररेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को कहा कि उसे कर्नाटक स्थित ई-गवर्नेंस केंद्र (सीईजी) से एक लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) मिला है. इस एलओआई के तहत सीईजी ने कर्नाटक स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (केएसडब्ल्यूएएन 2.0) प्रोजेक्ट में पहले से इस्तेमाल किए जा रहे राउटर और स्विच के लिए मूल निर्माताओं से तकनीकी सहायता की व्यवस्था करने के लिए रेलटेल को चुना है.
यह ऑर्डर लगभग 18.22 करोड़ रुपये का है और इसे 8 नवंबर, 2025 तक पूरा किया जाना है. यह एक भारतीय संस्था द्वारा दिया गया है. रेलटेल के मालिकों या प्रमोटरों का सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (CEG) से कोई व्यक्तिगत या वित्तीय संबंध नहीं है.
कंपनी को मिले पहले ऑर्डरसितंबर में, रेलटेल ने घोषणा की कि उसे नासिक म्युनिसिपल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से 70.94 करोड़ रुपये का एक कॉन्ट्रैक्ट मिला है. इस प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर, 2026 तक पूरा किया जाना है. इसमें नासिक और त्र्यंबकेश्वर के लिए सिटी नेटवर्क बैकबोन की सप्लाई, स्थापना, परीक्षण और स्थापना के लिए एक कंपनी को नियुक्त करना शामिल है. इसमें नेटवर्क स्थापित होने के बाद उसका मैनेजमेंट और रखरखाव भी शामिल है.
रेलटेल को पनवेल नगर निगम से 32.51 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी मिला है. 19 मार्च, 2031 तक पूरी होने वाले इस प्रोजेक्ट में पनवेल सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न स्थानों पर इंटरनेट और नेटवर्क सेवाओं (एसडीडब्ल्यूएएन-आधारित इंटरनेट लीज लाइन/एमपीएलएस लाइन का उपयोग करके) की सप्लाई, स्थापना और उसका मैनेजमेंट शामिल है.
FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारीरेलवे सेक्टर की सरकारी कंपनी के स्टॉक पर एफआईआई भी बुलिश है और अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 3.33% से बढ़ाकर 3.67% कर दिया है.
कंपनी को मिला ऑर्डररेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को कहा कि उसे कर्नाटक स्थित ई-गवर्नेंस केंद्र (सीईजी) से एक लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) मिला है. इस एलओआई के तहत सीईजी ने कर्नाटक स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (केएसडब्ल्यूएएन 2.0) प्रोजेक्ट में पहले से इस्तेमाल किए जा रहे राउटर और स्विच के लिए मूल निर्माताओं से तकनीकी सहायता की व्यवस्था करने के लिए रेलटेल को चुना है.
यह ऑर्डर लगभग 18.22 करोड़ रुपये का है और इसे 8 नवंबर, 2025 तक पूरा किया जाना है. यह एक भारतीय संस्था द्वारा दिया गया है. रेलटेल के मालिकों या प्रमोटरों का सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (CEG) से कोई व्यक्तिगत या वित्तीय संबंध नहीं है.
कंपनी को मिले पहले ऑर्डरसितंबर में, रेलटेल ने घोषणा की कि उसे नासिक म्युनिसिपल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से 70.94 करोड़ रुपये का एक कॉन्ट्रैक्ट मिला है. इस प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर, 2026 तक पूरा किया जाना है. इसमें नासिक और त्र्यंबकेश्वर के लिए सिटी नेटवर्क बैकबोन की सप्लाई, स्थापना, परीक्षण और स्थापना के लिए एक कंपनी को नियुक्त करना शामिल है. इसमें नेटवर्क स्थापित होने के बाद उसका मैनेजमेंट और रखरखाव भी शामिल है.
रेलटेल को पनवेल नगर निगम से 32.51 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी मिला है. 19 मार्च, 2031 तक पूरी होने वाले इस प्रोजेक्ट में पनवेल सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न स्थानों पर इंटरनेट और नेटवर्क सेवाओं (एसडीडब्ल्यूएएन-आधारित इंटरनेट लीज लाइन/एमपीएलएस लाइन का उपयोग करके) की सप्लाई, स्थापना और उसका मैनेजमेंट शामिल है.
FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारीरेलवे सेक्टर की सरकारी कंपनी के स्टॉक पर एफआईआई भी बुलिश है और अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, एफआईआई ने जून 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 3.33% से बढ़ाकर 3.67% कर दिया है.
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