नई दिल्ली: डिफेंस पीएसयू स्टॉक मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के स्टॉक ने पिछले हफ्ते ही अपने 52 हफ्ते का हाई लेवल को टच किया, जो कि 3,775 रुपये था. हालांकि सोमवार को स्टॉक में 2 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये आने वाले समय में तेज़ी दिखा सकता है. सरकारी स्वामित्व वाली रक्षा कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने 30 मई को अपनी अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि उसे वित्त वर्ष 2026 में अपने रेवेन्यू में 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है.
इसके अलावा, कंपनी को आने वाले वर्ष के लिए अपने प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PBT) मार्जिन के लगभग 15 प्रतिशत रहने की भी उम्मीद है. इससे पहले, कंपनी ने कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की रेवेन्यू में बढ़ोतरी का लक्ष्य लेकर चल रही है.
मझगांव डॉक के मैनेजमेंट ने अर्निंग कॉल में कहा था कि चौथी तिमाही में उसका प्रॉफिट मार्जिन कम रहा क्योंकि कंपनी को अपने तीन प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त धन अलग रखना पड़ा. इनमें से दो प्रोजेक्ट भारतीय कोस्ट गार्ड के लिए थे और एक डेनमार्क के लिए थी. कुल मिलाकर, इन प्रोजेक्ट की कीमत 3,500 करोड़ रुपये है.
आने वाले समय में मिल सकते हैं ये ऑर्डरकंपनी के मैनेजमेंट का मानना है कि मौजूदा वैश्विक राजनीतिक स्थिति के कारण डिफेंस और कमर्शियल जहाज निर्माण दोनों को मजबूत बढ़ावा मिलेगा. कंपनी को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2026 में उसकी ऑर्डर बुक मौजूदा 32,260 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी. ऐसा तभी होगा जब अगर वे दो प्रमुख पनडुब्बी सौदे पर हस्ताक्षर करें, इन ऑर्डर में एक अतिरिक्त P75 पनडुब्बियों के लिए है और दूसरा P75I पनडुब्बियों के लिए.
मैनेजमेंट के अनुसार, अगले महीने ही अतिरिक्त P75 पनडुब्बियों के लिए ऑर्डर पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. इन ऑर्डर की कीमत 30,000 करोड़ रुपये से 40,000 करोड़ रुपये के बीच होने की उम्मीद है.
मझगांव डॉक पी17 ब्रावो फ्रिगेट्स ऑर्डर के लिए बोली प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है, जिसके बारे में भारतीय नौसेना द्वारा जल्द ही प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) के माध्यम से घोषणा किए जाने की उम्मीद है. यह ऑर्डर 70,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. इसके अलावा, कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक, भारतीय नौसेना द्वारा अगले कुछ महीनों में 44,000 करोड़ रुपये की कीमत की माइन काउंटरमेजर वेसल (एमसीएमवी) प्रोजेक्ट के लिए भी आरएफपी जारी किए जाने की उम्मीद है.
तिमाही के नतीजेकंपनी ने अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 51 फीसदी की साल-दर-साल की गिरावट दर्ज की, जो 325 करोड़ रुपये दर्ज की गई. जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 663 करोड़ रुपये था. हालांकि कंपनी का रेवेन्यू पिछले वर्ष की तुलना में 2.23 प्रतिशत बढ़कर 3,174 करोड़ रुपये हो गया. यह रेवेन्यू पिछले साल की चौथी तिमाही में 3,103 करोड़ रुपये था.
पूरे वित्तीय वर्ष के लिए, मझगांव डॉक का लाभ पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ गया, जो वित्त वर्ष 24 में 1,937 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,414 करोड़ रुपये हो गया. वर्ष के लिए इसका कुल रेवेन्यू भी 21 प्रतिशत बढ़कर 11,432 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 9,467 करोड़ रुपये था.
इसके अलावा, कंपनी को आने वाले वर्ष के लिए अपने प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PBT) मार्जिन के लगभग 15 प्रतिशत रहने की भी उम्मीद है. इससे पहले, कंपनी ने कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की रेवेन्यू में बढ़ोतरी का लक्ष्य लेकर चल रही है.
मझगांव डॉक के मैनेजमेंट ने अर्निंग कॉल में कहा था कि चौथी तिमाही में उसका प्रॉफिट मार्जिन कम रहा क्योंकि कंपनी को अपने तीन प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त धन अलग रखना पड़ा. इनमें से दो प्रोजेक्ट भारतीय कोस्ट गार्ड के लिए थे और एक डेनमार्क के लिए थी. कुल मिलाकर, इन प्रोजेक्ट की कीमत 3,500 करोड़ रुपये है.
आने वाले समय में मिल सकते हैं ये ऑर्डरकंपनी के मैनेजमेंट का मानना है कि मौजूदा वैश्विक राजनीतिक स्थिति के कारण डिफेंस और कमर्शियल जहाज निर्माण दोनों को मजबूत बढ़ावा मिलेगा. कंपनी को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2026 में उसकी ऑर्डर बुक मौजूदा 32,260 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी. ऐसा तभी होगा जब अगर वे दो प्रमुख पनडुब्बी सौदे पर हस्ताक्षर करें, इन ऑर्डर में एक अतिरिक्त P75 पनडुब्बियों के लिए है और दूसरा P75I पनडुब्बियों के लिए.
मैनेजमेंट के अनुसार, अगले महीने ही अतिरिक्त P75 पनडुब्बियों के लिए ऑर्डर पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. इन ऑर्डर की कीमत 30,000 करोड़ रुपये से 40,000 करोड़ रुपये के बीच होने की उम्मीद है.
मझगांव डॉक पी17 ब्रावो फ्रिगेट्स ऑर्डर के लिए बोली प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है, जिसके बारे में भारतीय नौसेना द्वारा जल्द ही प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) के माध्यम से घोषणा किए जाने की उम्मीद है. यह ऑर्डर 70,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. इसके अलावा, कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक, भारतीय नौसेना द्वारा अगले कुछ महीनों में 44,000 करोड़ रुपये की कीमत की माइन काउंटरमेजर वेसल (एमसीएमवी) प्रोजेक्ट के लिए भी आरएफपी जारी किए जाने की उम्मीद है.
तिमाही के नतीजेकंपनी ने अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 51 फीसदी की साल-दर-साल की गिरावट दर्ज की, जो 325 करोड़ रुपये दर्ज की गई. जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 663 करोड़ रुपये था. हालांकि कंपनी का रेवेन्यू पिछले वर्ष की तुलना में 2.23 प्रतिशत बढ़कर 3,174 करोड़ रुपये हो गया. यह रेवेन्यू पिछले साल की चौथी तिमाही में 3,103 करोड़ रुपये था.
पूरे वित्तीय वर्ष के लिए, मझगांव डॉक का लाभ पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ गया, जो वित्त वर्ष 24 में 1,937 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,414 करोड़ रुपये हो गया. वर्ष के लिए इसका कुल रेवेन्यू भी 21 प्रतिशत बढ़कर 11,432 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 9,467 करोड़ रुपये था.
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