पिछले एक साल में सोना और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है - सोना करीब 68% और चांदी 82% तक चढ़ चुकी है। इस तेजी ने नए निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, खासकर उन लोगों का जो पहली बार इन कीमती धातुओं में निवेश करने की सोच रहे हैं। लेकिन क्या इतनी ऊंची कीमतों पर सीधा निवेश करना सही होगा? या फिर कोई ऐसा रास्ता है जिससे आप इन धातुओं में कम जोखिम के साथ समझदारी से निवेश कर सकें?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर निवेशक सोना और चांदी दोनों में निवेश करना चाहते हैं तो उनके लिए गोल्ड और सिल्वर ETF FoF एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ये फंड्स न सिर्फ प्रोफेशनल मैनेजमेंट के साथ आते हैं, बल्कि टैक्स और डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से भी फायदेमंद होते हैं। हम यहां जानेंगे कि इन फंड्स में कैसे निवेश किया जाता है, कौन-कौन सी कंपनियां ये ऑप्शन देती हैं, और एक्सपर्ट इन फंड्स को लेकर क्या सलाह दे रहे हैं।
दोनों में एक साथ निवेश करना क्यों फायदेमंद?
सोना और चांदी दोनों ही शेयर बाजार में गिरावट के समय सुरक्षा देते हैं, लेकिन उनका नेचर थोड़ा अलग होता है। सोना संकट के समय (जैसे युद्ध, महंगाई, आर्थिक मंदी) में स्थिरता और सुरक्षा देता है। चांदी एक इंडस्ट्रियल मेटल भी है, इसलिए जब अर्थव्यवस्था में तेजी आती है, तो इसकी मांग बढ़ती है और दाम भी। इसलिए जब आप दोनों में एक साथ निवेश करते हैं, तो जोखिम कम होता है और रिटर्न का मौका बढ़ता है।
कौन-कौन से फंड हैं जो ये सुविधा देते हैं?
मार्केट में कुछ नामी म्यूचुअल फंड कंपनियां जैसे कि Motilal Oswal, Mirae Asset, Edelweiss और Kotak सहित अन्य फंड्स ऐसे गोल्ड-सिल्वर कॉम्बो फंड्स चला रही हैं। हाल ही में Kotak ने ऐसा एक नया फंड लॉन्च भी किया है।
एक्सपर्ट की सलाह: आम निवेशकों के लिए यह बेहतर तरीका
Sage Capital के फाउंडर निखिल गुप्ता का कहना है कि आम निवेशकों के लिए यह तय करना मुश्किल होता है कि कब सोना खरीदें और कब चांदी। इसलिए गोल्ड-सिल्वर FoF फंड्स में निवेश करना एक आसान और समझदारी भरा तरीका है। इसमें एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर आपके लिए ये फैसले लेता है और टैक्स के लिहाज से भी यह तरीका फायदेमंद होता है।
धीरे-धीरे करें निवेश
Mirae Mutual Fund के ETF हेड सिद्धार्थ श्रीवास्तव का सुझाव है कि सोना-चांदी की कीमतों में इतनी तेजी के बाद थोड़ी गिरावट या स्थिरता आ सकती है। इसलिए एकमुश्त निवेश करने के बजाय धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर है। वे कहते हैं कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 10%-15% हिस्सा सोना और चांदी में रखें और SIP के जरिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें। इससे जोखिम भी कम होता है और औसत खरीद कीमत भी सही रहती है।
अगर आप पहली बार सोना और चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं और बाजार की चाल को समझना आपके लिए मुश्किल है, तो गोल्ड-सिल्वर FoF आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर निवेशक सोना और चांदी दोनों में निवेश करना चाहते हैं तो उनके लिए गोल्ड और सिल्वर ETF FoF एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ये फंड्स न सिर्फ प्रोफेशनल मैनेजमेंट के साथ आते हैं, बल्कि टैक्स और डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से भी फायदेमंद होते हैं। हम यहां जानेंगे कि इन फंड्स में कैसे निवेश किया जाता है, कौन-कौन सी कंपनियां ये ऑप्शन देती हैं, और एक्सपर्ट इन फंड्स को लेकर क्या सलाह दे रहे हैं।
दोनों में एक साथ निवेश करना क्यों फायदेमंद?
सोना और चांदी दोनों ही शेयर बाजार में गिरावट के समय सुरक्षा देते हैं, लेकिन उनका नेचर थोड़ा अलग होता है। सोना संकट के समय (जैसे युद्ध, महंगाई, आर्थिक मंदी) में स्थिरता और सुरक्षा देता है। चांदी एक इंडस्ट्रियल मेटल भी है, इसलिए जब अर्थव्यवस्था में तेजी आती है, तो इसकी मांग बढ़ती है और दाम भी। इसलिए जब आप दोनों में एक साथ निवेश करते हैं, तो जोखिम कम होता है और रिटर्न का मौका बढ़ता है।
कौन-कौन से फंड हैं जो ये सुविधा देते हैं?
मार्केट में कुछ नामी म्यूचुअल फंड कंपनियां जैसे कि Motilal Oswal, Mirae Asset, Edelweiss और Kotak सहित अन्य फंड्स ऐसे गोल्ड-सिल्वर कॉम्बो फंड्स चला रही हैं। हाल ही में Kotak ने ऐसा एक नया फंड लॉन्च भी किया है।
एक्सपर्ट की सलाह: आम निवेशकों के लिए यह बेहतर तरीका
Sage Capital के फाउंडर निखिल गुप्ता का कहना है कि आम निवेशकों के लिए यह तय करना मुश्किल होता है कि कब सोना खरीदें और कब चांदी। इसलिए गोल्ड-सिल्वर FoF फंड्स में निवेश करना एक आसान और समझदारी भरा तरीका है। इसमें एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर आपके लिए ये फैसले लेता है और टैक्स के लिहाज से भी यह तरीका फायदेमंद होता है।
धीरे-धीरे करें निवेश
Mirae Mutual Fund के ETF हेड सिद्धार्थ श्रीवास्तव का सुझाव है कि सोना-चांदी की कीमतों में इतनी तेजी के बाद थोड़ी गिरावट या स्थिरता आ सकती है। इसलिए एकमुश्त निवेश करने के बजाय धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर है। वे कहते हैं कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 10%-15% हिस्सा सोना और चांदी में रखें और SIP के जरिए हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें। इससे जोखिम भी कम होता है और औसत खरीद कीमत भी सही रहती है।
अगर आप पहली बार सोना और चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं और बाजार की चाल को समझना आपके लिए मुश्किल है, तो गोल्ड-सिल्वर FoF आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
You may also like
लकी अली ने जावेद अख्तर को बताया खराब इंसान, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस –
बिहार में एक चौथाई विधायक सियासी परिवारों से आते हैं! जानिए किस पार्टी में सबसे ज्यादा वंशवाद का बोलबाला
पवित्र 'जोड़े साहिब' के दर्शन करने अवश्य आएं, पीएम मोदी ने की अपील –
गोवर्धन पूजनोत्सव में यदुवंशियों ने निकाली शोभायात्रा,झाकियां बनी आकर्षण का केंद्र
मुर्शिदाबाद में भारत-बांग्लादेश सीमा से बांग्लादेशी घुसपैठिया और भारतीय दलाल गिरफ्तार