वास्तु शास्त्र के सिद्धांत हर कमरे और स्थान के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इनका पालन करने से घर में वास्तु दोष नहीं उत्पन्न होते और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर में समृद्धि और सुख की वृद्धि होती है। हालांकि, आजकल की छोटी जगहों और फ्लैट कल्चर के कारण वास्तु नियमों का पालन करना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, फैशन और सुविधा के चलते भी इन नियमों की अनदेखी की जाती है, जिससे तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं।
बेडरूम से अटैच्ड बाथरूम
आजकल बेडरूम के साथ अटैच्ड बाथरूम का चलन बढ़ गया है। पहले बाथरूम को घर से अलग रखा जाता था, लेकिन अब यह अधिकांश कमरों के साथ जुड़ गया है। इससे कई वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
समस्याओं से बचने के उपाय
– बाथरूम की सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि गंदगी घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
– बाथरूम से बदबू न आए, इसके लिए एयर फ्रेशनर का उपयोग करें।
– यदि बेडरूम से बाथरूम जुड़ा है, तो सोते समय अपने पैर या सिर को बाथरूम की ओर न रखें। यह पति-पत्नी के बीच झगड़ों का कारण बन सकता है।
– लिविंग रूम से अटैच्ड बाथरूम में हल्के रंगों का प्रयोग करें, जैसे आसमानी या क्रीम।
– बाथरूम में काले रंग की टाइल्स का प्रयोग न करें।
– बाथरूम के नल से पानी लीक होना घर की प्रतिष्ठा और धन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, इसलिए ऐसे नल को तुरंत ठीक करवाएं।
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