महान नीतिशास्त्री और रणनीतिकार चाणक्य को उनकी बुद्धिमत्ता और गहन ज्ञान के लिए जाना जाता है। उन्होंने मानव जीवन की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियों का उल्लेख किया है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाता है, तो उसका कल्याण सुनिश्चित हो सकता है। चाणक्य ने यह भी बताया है कि एक ऐसी चीज है, जो हमारी सफलता और असफलता दोनों का कारण बनती है।
मन का महत्व
यह चीज है आपका मन। चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित नहीं कर सकता, वह हमेशा अपने सबसे बड़े दुश्मन के साथ रहता है, जिससे उसका जीवन और लक्ष्य बर्बाद हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति का अपने मन पर नियंत्रण नहीं है, तो वह कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता और उसके प्रयास भी विफल हो जाते हैं।
चाणक्य का संदेश
चाणक्य ने लिखा है – बन्धाय विषयासक्तं मुक्त्यै निर्विषयं मनः। मन ही है, जो हमारी खुशी और दुख दोनों का कारण है। जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर लेता है, वह सुखी होता है, जबकि जो ऐसा नहीं कर पाता, वह दुखी रहता है। अक्सर हमारा मन हमें ऐसे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, जिनका परिणाम नकारात्मक होता है। यदि हम अपने मन पर नियंत्रण रखेंगे, तो हम उन कार्यों से बच सकते हैं और अपने जीवन को बर्बाद होने से रोक सकते हैं।
निर्णय लेने में मन का नियंत्रण
किसी महत्वपूर्ण कार्य या निर्णय लेते समय भी हमें अपने मन को काबू में रखना चाहिए, क्योंकि अशांत मन से लिए गए निर्णय भविष्य में पछतावे का कारण बन सकते हैं। चाणक्य के अनुसार, भले ही आप खुश हों, फिर भी बिना सोचे-समझे कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। हमेशा अपने मन को वश में रखकर ही निर्णय लेने चाहिए। इससे आप अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। यदि आप अपने मन पर नियंत्रण पाने में असफल होते हैं, तो आपकी जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
— News Just Abhi (@newsjustabhi) November 9, 2024
You may also like
भारत और पाकिस्तान की परमाणु हथियार नीति क्या है और कैसे रखे जाते हैं ये हथियार
Supreme Court On High Courts: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित मामलों पर अपनाया सख्त रुख, कहा- इनका आउटपुट देखा जाना चाहिए
UPSSSC PET 2025: ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू
8th Pay Commission Expected Allowance : सियाचिन में तैनात जवानों और अधिकारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार ₹30,000 से ₹42,500 तक का मासिक भत्ता
डॉ. मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार प्रमुख बनने के बाद पहली बार गृहनगर चटगांव पहुंचे