तुलसी एक अनमोल प्राकृतिक औषधि है, जिसमें कई बीमारियों के इलाज के गुण मौजूद हैं। यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और आवश्यक तेलों से भरपूर होती है।
तुलसी का उपयोग
तुलसी की पत्तियाँ और फूल दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और ये आसानी से उपलब्ध होते हैं। भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर सकतीं।
तुलसी का पौधा लगाने के सही स्थान
पूर्व या उत्तर दिशा: तुलसी का पौधा हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए।
दक्षिण दिशा में नुकसान: दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से नुकसान हो सकता है।
शालिग्राम का पूजन: तुलसी का पूजन प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, और इसे शालिग्राम के पूजन में शामिल किया जाता है।
तुलसी के औषधीय लाभ
सर्दी-जुकाम और सिरदर्द: तुलसी के पत्तों को चबाने से सर्दी-जुकाम से बचा जा सकता है।
बुखार में: तुलसी बुखार को कम करने में मदद करती है।
पथरी का इलाज: किडनी की पथरी के लिए तुलसी का रस और शहद का मिश्रण फायदेमंद होता है।
डायबिटीज का उपचार: तुलसी का जूस इंसुलिन के उत्पादन को संतुलित करता है।
तनाव कम करने में: तुलसी के पत्ते चबाने से तनाव में कमी आती है।
हृदय स्वास्थ्य: तुलसी रक्तचाप को संतुलित करती है।
चर्मरोग का इलाज: तुलसी का रस त्वचा के रोगों में लाभकारी है।
दुर्गंध दूर करने में: तुलसी के पत्तों का पेस्ट मुंह की दुर्गंध को समाप्त करता है।
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