आज हम चर्चा करेंगे आयोडेक्स और एंडोसल्फान के बारे में। राजीव जी के अनुसार, भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हैं जो यूनियन कार्बाइड से भी अधिक खतरनाक रसायनों का व्यापार कर रही हैं। इन कंपनियों ने कई खतरनाक संयंत्र स्थापित कर रखे हैं, और हमें आशंका है कि कहीं भोपाल जैसी घटना फिर से न हो।
गुजरात का प्रदूषण
यदि आपको मौका मिले, तो गुजरात की यात्रा करें। अहमदाबाद से मुंबई तक के सफर में आपको रातभर नाक बंद रखनी पड़ेगी, क्योंकि रेलवे ट्रैक के आसपास की दुर्गंध असहनीय होती है। यह स्थिति उन कारखानों के कारण है, जहां अत्यधिक जहरीले रसायन बनाए जाते हैं।
एंडोसल्फान का उत्पादन
एंडोसल्फान एक ऐसा जहरीला रसायन है, जो विश्वभर में प्रतिबंधित है, लेकिन इसका सबसे बड़ा उत्पादन गुजरात में होता है। इसके अलावा, 750 से अधिक कंपनियाँ अन्य जहरीले रसायनों का उत्पादन कर रही हैं। यह समझ से परे है कि इन्हें ऐसा करने की अनुमति कैसे मिलती है, जबकि हम भोपाल की त्रासदी के दंश को आज भी झेल रहे हैं।
सरकार की भूमिका
मोदी सरकार ने कुछ जहरीले उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन भारत में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, और यदि किया भी जाता है, तो रिश्वत देकर उन्हें तोड़ा जा रहा है। आयोडेक्स जैसे उत्पादों का निर्माण जारी है, जो 150 से अधिक देशों में प्रतिबंधित हैं।
अमेरिका में, यदि कोई डॉक्टर विक्स की प्रिस्क्रिप्शन लिखता है, तो उसकी डिग्री छीन ली जाती है। विक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जहरीला घोषित किया गया है, लेकिन भारत में यह उत्पाद विज्ञापनों के माध्यम से बेचा जा रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
भारत में बीमारियों के दो मुख्य कारण हैं: गरीब लोग, जिन्हें दवाइयाँ नहीं मिलती, और अमीर लोग, जिन्हें जहरीली दवाइयाँ दी जाती हैं। यह स्थिति चिंताजनक है और हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
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