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आंखों के फड़कने के पीछे के कारण: मिथक या सच्चाई?

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आंखों के फड़कने का विज्ञान

जब आपकी आंखें फड़कती हैं, तो अक्सर लोग मजाक में कहते हैं कि यह आमदनी का संकेत है। दाईं आंख के फड़कने पर आमदनी की उम्मीद जताई जाती है, जबकि बाईं आंख के फड़कने पर खर्च होने की आशंका होती है। हालांकि, ये बातें केवल मिथक हैं और विज्ञान से इनका कोई संबंध नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, आंखों का फड़कना मायोकेमिया (Myokymia) कहलाता है। इस विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने दिल्ली के श्रॉफ आई सेंटर की आई स्पेशलिस्ट डॉ. ऋचा प्यारे से बात की।


आंखों के फड़कने के सामान्य कारण

डॉ. ऋचा प्यारे ने बताया कि मायोकेमिया कोई गंभीर समस्या नहीं है, जैसा कि आमतौर पर समझा जाता है। जब लोग अत्यधिक तनाव में होते हैं या नींद पूरी नहीं लेते, तो आंखें फड़कने लगती हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति अधिक कैफीन का सेवन करता है, जैसे चाय या कॉफी, तो भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। आमतौर पर, यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाती है और इसके लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।


अन्य संभावित कारण

डॉ. प्यारे ने कहा कि आंखों के फड़कने का कोई निश्चित कारण नहीं होता, लेकिन यदि यह लगातार हो रहा है, तो यह कैल्शियम की कमी या शरीर में अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। हालांकि, यह गंभीर नहीं है और आंखों को इससे कोई नुकसान नहीं होता। विटामिन बी 12 की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श करना उचित है।


सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी

सोशल मीडिया पर आंखों के फड़कने को बीमारी बताकर लोगों को डराया जाता है। कुछ न्यूज वेबसाइट्स भी इस विषय पर गलत जानकारी देती हैं। एक वेबसाइट ने इसे घातक बीमारी बताया है, जबकि दूसरी ने विटामिन बी 12 की कमी को इसका कारण बताया है। डॉ. ऋचा प्यारे ने इन दावों को बकवास करार दिया है और कहा है कि यह एक सामान्य स्थिति है, जो तनाव, अधिक कैफीन या नींद की कमी के कारण होती है।


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