मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता के बीच एक अनोखी प्रथा देखने को मिलती है, जहां पत्नियों को किराए पर लिया जा सकता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन शिवपुरी जिले में 'धड़ीचा' नामक एक प्रथा के तहत यह संभव है। यहां कुंवारी लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं को किराए पर लेने के लिए पुरुष एक निश्चित राशि अदा करते हैं।
हर साल एक विशेष समय पर इस प्रथा के लिए मंडी लगती है, जिसमें दूर-दूर से पुरुष शामिल होते हैं। यहां कुंवारी और शादीशुदा महिलाएं अपनी पसंद के अनुसार बोली लगाती हैं, और उनकी कीमत उनके चाल-चलन के आधार पर तय की जाती है।
इस मंडी में पत्नियों की कीमत 15,000 रुपये से शुरू होती है और यह 4 लाख रुपये तक जा सकती है। पुरुष एक साल या उससे कम समय के लिए इस राशि का भुगतान कर पत्नी को किराए पर ले जाते हैं।
करार के लिए 10 से 100 रुपये तक के स्टांप पेपर का उपयोग किया जाता है, जिसमें दोनों पक्षों की शर्तें लिखी जाती हैं। सौदा पूरा होने के बाद, पति तय करता है कि उसे वही पत्नी चाहिए या कोई और।
यदि पत्नी इस सौदे से खुश नहीं है, तो उसे एग्रीमेंट तोड़ने का अधिकार है। इसके लिए उसे स्टांप पेपर पर शपथपत्र देना होता है और तय राशि लौटानी पड़ती है। कई बार महिलाएं अधिक राशि मिलने पर भी ऐसा करती हैं।
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