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बवासीर से बचने के उपाय और घरेलू उपचार

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बवासीर के लक्षण और कारण

बवासीर के दौरान मलद्वार के बाहर मस्से उभर आते हैं, जिससे शौच के समय खून निकलता है। इसके अन्य लक्षणों में चलने में कठिनाई, चक्कर आना, और ध्यान में कमी शामिल हैं। यह रोग आमतौर पर कब्ज के कारण उत्पन्न होता है।


जब कोई व्यक्ति अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन करता है, तो उसकी पाचन क्रिया प्रभावित होती है, जिससे कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है।


कब्ज के कारण मल सूख जाता है, जिससे मलद्वार की त्वचा में चोट लग जाती है और खून निकलने लगता है। बवासीर का बढ़ना अक्सर गलत खान-पान और चिकित्सा में देरी के कारण होता है।


बवासीर से बचने के लिए आदतें

बवासीर एक ऐसी समस्या है जो एक दिन में नहीं होती, बल्कि यह हमारी गलत आदतों का परिणाम है। इसलिए, कुछ आदतें अपनाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं।


सही समय पर भोजन करें: सुबह और शाम का खाना समय पर खाने से पाचन क्रिया सही रहती है, जिससे कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होतीं।


धीरे-धीरे खाएं: भोजन को चबाकर और धीरे-धीरे खाने से पाचन बेहतर होता है।


मसालेदार भोजन से बचें: तली हुई चीजों और मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। घर का बना खाना जिसमें फल, सलाद और उबली सब्जियां शामिल हों, अधिक फायदेमंद है।


कब्ज की दवाओं का सावधानी से सेवन करें: कब्ज दूर करने वाली दवाओं का अत्यधिक सेवन न करें, क्योंकि यह पाचन को कमजोर कर सकता है।


फलों और सलाद का सेवन करें: रोजाना विभिन्न फलों और सलाद का सेवन करें, जिससे पाचन रस में वृद्धि होती है।


बवासीर के घरेलू उपचार

हारसिंगार: हारसिंगार के 2 ग्राम फूलों को 30 ग्राम पानी में रातभर भिगोकर सुबह मसलकर छान लें। इसमें 1 चम्मच खांड़ मिलाकर खाली पेट सेवन करें।


कपूर: कपूर, रसोत, चाकसू और नीम के फूलों को मिलाकर पाउडर बनाएं। मूली में भरकर भूनें और गोलियां बनाकर सुबह खाली पेट लें।


वनगोभी: वनगोभी के पत्तों का रस बवासीर के मस्सों पर लगाने से लाभ होता है।


मूली: मूली का रस और जलेबी मिलाकर सेवन करने से बवासीर में राहत मिलती है।


रीठा: रीठा के छिलके को जलाकर कोयला बनाकर पपरिया कत्था मिलाकर सेवन करें।


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