भारत ने शंघाई में आयोजित तीरंदाजी वर्ल्ड कप स्टेज-2 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शनिवार को पुरुष कम्पाउंड टीम स्पर्धा में स्वर्ण, महिला टीम स्पर्धा में रजत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव की पुरुष टीम ने फाइनल में मैक्सिको को 232-228 से हराया।
फाइनल में भारतीय टीम की रणनीति
भारतीय तीरंदाजों ने दबाव में भी सटीक निशाना साधकर शीर्ष स्थान प्राप्त किया। पहले गेम में भारत ने 59 अंक बनाकर दो अंकों की बढ़त बनाई। हालांकि, मैक्सिको ने दूसरे गेम में 58 अंक बनाकर वापसी की। तीसरे गेम में भारतीय टीम ने फिर से एक अंक की बढ़त बनाई, जहां भारत ने 58 अंक बनाए जबकि मैक्सिको के तीरंदाजों ने 57 अंक ही जुटाए। अंतिम गेम में भारत ने 60 में से 59 अंक हासिल किए, जबकि मैक्सिको केवल 56 अंक बना सका।
महिलाओं की टीम का प्रदर्शन
महिलाओं की कम्पाउंड टीम, जिसमें ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धामनगांवकर और चिकिथा तानिपार्थी शामिल थीं, फाइनल में मैक्सिको से 221-234 से हार गई। हालांकि, इस तिकड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और पोडियम पर स्थान सुनिश्चित किया।
मिश्रित टीम की सफलता
वर्मा और मधुरा की मिश्रित टीम ने तीसरे स्थान के प्लेऑफ में मलेशिया को हराकर कांस्य पदक जीता, जिससे भारत की मेडल टेबल में स्थिति मजबूत हुई।
मधुरा की वापसी
24 वर्षीय मधुरा ने पहले कभी वर्ल्ड कप मेडल नहीं जीता था और वह तीन साल बाद वर्ल्ड कप टीम में लौट रही हैं। उन्होंने पहले मेडेलिन में 2022 तीरंदाजी वर्ल्ड कप चरण चार में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। कम्पाउंड तीरंदाजी लॉस एंजिल्स 2028 में अपने ओलंपिक पदार्पण के लिए तैयार है, जिसमें मिश्रित टीम वर्ग की एकमात्र स्पर्धा होगी। इस तरह के प्रदर्शन से टीम का हौसला और बढ़ेगा।
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