यदि आप अपने शरीर को बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं, तो हर 15 दिन में एक बार अपने लीवर की सफाई करना आवश्यक है। लीवर मानव शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है।
जब तक यह सही तरीके से कार्य करता है, तब तक हमारा शरीर कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम रहता है।
यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। लीवर की कमजोरी या खराबी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लीवर में दर्द और भूख में कमी।
लीवर की खराबी के लक्षण और कारण
लीवर में सूजन होने से भोजन आंतों में सही तरीके से नहीं पहुंच पाता, जिससे पाचन में कठिनाई होती है। इससे शरीर में कमजोरी और अन्य रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इसलिए, लीवर की खराबी का एक सरल और पूर्णतः आयुर्वेदिक उपचार प्रस्तुत किया जा रहा है।
कभी-कभी हमारे शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लीवर की खराबी के कई कारण हैं, जिनमें शराब का अत्यधिक सेवन और मसालेदार भोजन शामिल हैं।
यदि आपका पेट बढ़ रहा है, तो यह मोटापे का संकेत हो सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लीवर की खराबी भी पेट में सूजन का कारण बन सकती है?
लीवर की सफाई के आयुर्वेदिक उपाय
लीवर हमारे पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शरीर की कई क्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य भी करता है।
लीवर की खराबी से होने वाली बीमारियाँ जैसे हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, और लिवर कैंसर हो सकती हैं।
फिटनेस विशेषज्ञ अक्सर एक विशेष जूस की सलाह देते हैं, जो लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
लिवर को साफ करने के लिए आयुर्वेदिक जूस: लौकी, हल्दी, धनिया, नींबू, काला नमक और गिलोय का उपयोग करें। सबसे पहले लौकी को छीलकर धनिया के साथ ग्राइंड करें और जूस निकालें। इसमें हल्दी, काला नमक, नींबू का रस और गिलोय का रस मिलाएं।
इस जूस का सेवन रोजाना खाली पेट करें। यह न केवल लीवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
अन्य प्रभावी उपाय
150 मिली गाजर के जूस, 20 मिली आंवले के जूस और सेंधा नमक को मिलाकर नाश्ते के साथ लें। यह लीवर की सूजन को कम करने में मदद करता है।
पालक के पत्तों का 100 मिली जूस, 30 मिली चुकंदर का जूस और काली मिर्च मिलाकर खाने के बाद लें। यह लीवर को ठीक करने के साथ-साथ खून की कमी को भी पूरा करता है।
सेब का सिरका रोजाना खाने के साथ लेना चाहिए, क्योंकि यह लीवर को साफ करने में मदद करता है।
किशमिश को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें। यह लीवर और किडनी दोनों को साफ करता है।
स्वास्थ्य के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
15 से 21 दिन तक इनमें से किसी एक उपाय का सेवन करने से लीवर स्वस्थ होगा। इससे यकृत विकार ठीक होने के साथ-साथ भूख बढ़ेगी और पुरानी कब्ज दूर होगी।
पुराने मलेरिया, ज्वर, अधिक मद्यपान और अन्य कारणों से यकृत रोग उत्पन्न हो सकते हैं। बुखार ठीक होने के बाद भी यकृत की बीमारी बनी रह सकती है।
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