नई दिल्ली। साड़ी एक पारंपरिक भारतीय परिधान है, जो न केवल भारतीय महिलाओं की पहचान है, बल्कि उनकी सुंदरता को भी बढ़ाता है। प्राचीन काल से यह परिधान प्रचलित है और आज भी कई महिलाएं इसे पहनकर अपनी खूबसूरती को निखारती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साड़ी पहनने से कैंसर का खतरा हो सकता है?
हाल ही में सोशल मीडिया पर साड़ी और कैंसर के बीच संबंध पर चर्चा हो रही है। इस विषय पर और जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने सोनीपत के एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के प्रमुख डॉक्टर दिनेश सिंह से बातचीत की।
साड़ी कैंसर क्या है?
डॉक्टर के अनुसार, 'साड़ी कैंसर' का अर्थ यह नहीं है कि साड़ी पहनने से कैंसर हो जाएगा। यह एक प्रकार का स्किन कैंसर है, जो पेटीकोट को बहुत कसकर बांधने के कारण हो सकता है। जब आप लंबे समय तक नाड़े को एक ही स्थिति में बांधकर रखते हैं, तो इससे साड़ी बांधने वाली जगह पर इरिटेशन हो सकता है। यदि यह इरिटेशन बार-बार होता है, तो यह त्वचा में बदलाव ला सकता है, जो आगे चलकर अल्सर में बदल सकता है और कैंसर का कारण बन सकता है।
क्या साड़ी कैंसर का कारण बन सकती है?
डॉक्टर ने बताया कि हालांकि यह कैंसर का एक कारण हो सकता है, लेकिन ऐसे मामले काफी दुर्लभ होते हैं। यह तब होता है जब टाइट कपड़े, विशेषकर कमर के आसपास, बार-बार पहने जाते हैं। यह समस्या केवल साड़ी तक सीमित नहीं है; टाइट जींस, पेटीकोट और धोती भी इसी खतरे को बढ़ा सकते हैं।
इसलिए, यह कहना उचित होगा कि साड़ी सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनती है। यह समस्या कमर के आसपास किसी भी टाइट वस्त्र के कारण हो सकती है। इसलिए 'साड़ी कैंसर' शब्द भ्रामक हो सकता है।
बचाव के उपाय
यदि आप नियमित रूप से साड़ी पहनती हैं, तो त्वचा में होने वाले बदलावों पर ध्यान दें। किसी भी प्रकार के बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, बेल्ट, जींस या पेटीकोट को ढीला करके और रात में मॉइस्चराइजिंग क्रीम लगाकर कमर के दर्द से बचा जा सकता है।
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