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बवासीर: कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

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बवासीर की पहचान और प्रकार

बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसे आमतौर पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है: खूनी बवासीर और बादी बवासीर। कुछ स्थानों पर इसे महेशी के नाम से भी जाना जाता है।


खूनी बवासीर के लक्षण

खूनी बवासीर में दर्द नहीं होता, लेकिन खून निकलता है। यह पहले पखाने के दौरान, फिर धीरे-धीरे टपकने और अंत में पिचकारी की तरह खून आने के रूप में होता है। इसके साथ एक मस्सा भी होता है, जो अंदर की ओर होता है और बाद में बाहर आ जाता है।


बादी बवासीर के लक्षण

बादी बवासीर में पेट में खराबी, कब्ज, और गैस की समस्या होती है। यह स्थिति जलन, दर्द, खुजली, और बेचैनी का कारण बनती है। टट्टी के दौरान खून भी आ सकता है।


बवासीर के कारण और बचाव

बवासीर का मुख्य कारण लंबे समय तक कब्ज रहना है। यदि आपके परिवार में किसी को यह समस्या रही है, तो आपको भी यह हो सकती है। जंक फूड और अधिक तेल-मसाले वाले खाने से बचें। नियमित व्यायाम न करने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।


बवासीर के घरेलू उपचार

बादी बवासीर: गेंदे के फूलों की पंखुड़ियों को घी के साथ पकाकर सेवन करने से लाभ होता है।
खूनी बवासीर: गेंदे के फूलों को घी में भूनकर सेवन करने से खून बहना बंद हो जाता है।
बवासीर की सूजन: जीरे का लेप लगाने से राहत मिलती है।


अन्य प्रभावी उपाय

अनार के छिलके का चूर्ण और सूखे अंजीर का सेवन भी बवासीर के उपचार में सहायक होते हैं। इसके अलावा, छाछ का सेवन बवासीर को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।


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