इंडिया में एक बार फिर से छोटी कारों की मांग बढ़ सकती है. इसकी वजह है कि छोटी कारें खरीदना थोड़ा सस्ता हो जाएगा. सरकार नए GST रिफॉर्म में छोटी कारों पर टैक्स कम करने का विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है कि पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से महंगी हो रहीं एंट्री लेवल कारें फिर से सस्ती हो जाएंगी. पिछले कुछ महीनों में भारतीय बाजार में छोटी कारों की मांग बहुत तेजी से कम हुई है. इसका असर मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स की बिक्री पर हुआ. इनके पोर्टफोलियो में कई एंट्री लेवल कारें हैं. दूसरी ओर SUVs की बढ़ती डिमांड ने भी छोटी कारों को परेशानी में डाल दिया था.
जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में छोटी कारों को 18% टैक्स स्लैब में रखा जा सकता है. अभी इन पर 28% GST और 1% सेस लगता है. इससे टैक्स का बोझ काफी कम हो जाएगा. छोटी कारें इसमें शामिल होंगी. छोटी कारों का मतलब 4 मीटर तक लंबाई और 1200cc से कम इंजन वाली गाड़ियां शामिल होंगी. बड़ी कारों और SUVs पर 40% का स्पेशल टैक्स लगेगा. फिलहाल इन पर 43-50% टैक्स (GST + सेस) लगता है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर कोई बदलाव नहीं होगा और उन पर पहले की तरह 5% GST ही लगेगा.
PM मोदी ने किया था ऐलानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा- हम अगली पीढ़ी का GST सुधार ला रहे हैं. इससे पूरे देश में टैक्स का बोझ कम होगा. यह दिवाली से पहले देशवासियों के लिए तोहफा होगा. इसमें दो स्लैब का प्रस्ताव है. सरकार ने 5% और 18% की दरों को बनाए रखने और 12% व 28% टैक्स हटाने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 6-7 चीजों पर 40% का स्पेशल रेट लगाने का सुझाव दिया गया है. प्रस्ताव के मुताबिक, रोजमर्रा की चीजों पर 5% GST रहेगा. मिडिल क्लास की महंगी खपत वाली चीजें और औद्योगिक सामान पर 18% टैक्स लगेगा. बड़ी टीवी और डिशवॉशर जैसी व्हाइट गुड्स भी अब 28% से घटाकर 18% टैक्स स्लैब में आ सकती हैं. इससे मांग और बढ़ सकती है.
12 फीसदी तक सस्ती हो जाएंगी कारेंमार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर 11% GST कम होता है तो छोटी कारों की एक्स-शोरूम कीमत करीब 12-12.5% तक घट सकती है. इससे एक कार पर 20,000-25,000 रुपये तक की सीधी बचत होगी. यह कटौती छोटी और पहली कार खरीदने वालों को राहत देगी. हालांकि, इस राहत का फायदा सिर्फ हैचबैक पर ही नहीं, बल्कि छोटी SUVs जैसे Hyundai Exter और Tata Punch को भी मिल सकता है. दिल्ली-NCR के एक बड़े ऑटोमोबाइल डीलर के अनुसार, फिलहाल छोटी कारों पर कुल टैक्स (GST + रजिस्ट्रेशन + इंश्योरेंस) 41-42% तक है.
बिक्री और मार्केट शेयरपिछले फिस्कल ईयर 2025 में कॉम्पैक्ट कार और हैचबैक की बिक्री 13% घटकर लगभग 10 लाख यूनिट तक पहुंच गई थी. दूसरी ओर
SUVs की बिक्री 10.2% बढ़कर 23.5 लाख यूनिट हो गई. कुल पैसेंजर व्हीकल बाजार में छोटी कारों का हिस्सा लगातार 5वें साल घटकर 23.4% रह गया. चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में यह और गिरकर 21% रह गया. पिछले 5-6 सालों में सख्त सेफ्टी और उत्सर्जन नियमों की वजह से छोटी कारों की कीमतें 30-40% तक बढ़ गई हैं. मारुति सुजुकी के मार्केटिंग और सेल्स हेड, पार्थो बनर्जी ने कहा एंट्री-लेवल ग्राहक ऊंची कीमतों की वजह से कार खरीद ही नहीं पा रहे.
पिछले कुछ समय में किफायती कारें बेचने वाली मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और हुंडई की बिक्री लगातार कम हो रही है. पिछले महीने जुलाई में मारुति की सालाना ग्रोथ सिर्फ 0.2 रही, हुंडई की बिक्री 10.3 फीसदी और टाटा की बिक्री 11.6 तक घटी. तीनों कंपनियां 1200 सीसी इंजन तक की कई गाड़ियां बेचती हैं. SUVs की बढ़ती मांग का फायदा महिंद्रा को रहा है, क्योंकि इसके पोर्टफोलियो में SUV हैं. अगर गाड़ियों कीमत कम होती है तो इसका हैचबैक कारों की बिक्री एक बार फिर से बढ़ सकती है.
ये कारों हो जाएंगी सस्तीमारुति के पोर्टफोलियो में 1200 सीसी से छोटे इंजन वाली कार में Swift, FRONX, Dzire, Baleno, Wagon R, Ignis, alto K10, Eeco और Celerio जैसे मॉडल शामिल हैं. हुंडई i20, i10, Exter और Aura जैसे मॉडल बेचती है. टाटा Punch और Tiago जैसे मॉडल बेचती है.
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