कर्नाटक के चिकमंगलूर से एक लापता व्यक्ति को उसकी 56 वर्षीय पत्नी द्वारा अपने 33 वर्षीय प्रेमी की मदद से कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जांच के दौरान आरोपियों की मदद करने वाले दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मीनाक्षम्मा, उसके प्रेमी प्रदीप और उसके दोस्तों सिद्धेश और विश्वास के रूप में हुई है.सभी कदुर के निवासी हैं.
वहीं मृतक की पहचान सुब्रमण्य (60) के रूप में की गई है. पुलिस ने बताया कि वो दर्जी का काम करते थे. अधिकारियों ने बताया कि मीनाक्षम्मा को अदालत में पेश किया गया और सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस के अनुसार, 2 जून को मीनाक्षम्मा ने कदुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पति सुब्रमण्य 31 मई को बाहर गए थे और घर नहीं लौटे. पुलिस ने मामला दर्ज किया.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच कीइसके बाद पुलिस ने सुब्रमण्य के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रैक की. 3 जून को रेलवे पुलिस ने कदुर पुलिस को सूचित किया कि पटरी पर एक आधा जला हुआ पैर मिला है. बाद में मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव के बाकी हिस्सों को भी कब्जे में लिया. सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान, 31 मई को दर्जी सुब्रमण्य की दुकान के पास सीसीटीवी फुटेज में उनको प्रदीप, सिद्धेश और विश्वास के साथ एक कार में सवार होते देखा गया.
जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने तीनों लोगों को हिरासत में लिया . उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया. 8 जून को हमने उन्हें अदालत में पेश किया और और उनकी गिरफ़्तारी दर्ज की. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. जांच के दौरान हमें पता चला कि प्रदीप और मीनाक्षम्मा के बीच संबंध था, लेकिन इसे स्पष्ट करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
पति की मौत पर पत्नी फूट-फूटकर रो रही थीपुलिस अधिकारी ने बताया कि पति की मौत की खबर सुनकर मीनाक्षम्मा फूट-फूट कर रो रही थी. शुरुआत में हमें उस पर शक नहीं हुआ, लेकिन जब हमने प्रदीप और उसके दोस्तों से अपने तरीके से पूछताछ की, तो इस मामले में उसकी संलिप्तता सामने आई. हालांकि, प्रदीप के बयान के अलावा उसे गिरफ्तार करने के लिए हमारे पास कोई सबूत नहीं था. हमने उससे कई बार पूछताछ की, लेकिन उस समय उसने हत्या में अपनी भूमिका से इनकार कर दिया.
मीनाक्षम्मा और प्रदीप के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के अनुसार, उन्होंने पिछले छह महीनों में एक भी फोन कॉल नहीं किया है. हालांकि, पुलिस ने देखा कि मीनाक्षम्मा एक नंबर पर बार-बार कॉल और मैसेज कर रही थी. नंबर की पहचान पूछे बिना ही पता चला कि वह प्रदीप की मां के नाम पर रजिस्टर्ड था. तकनीकी जांच से पता चला कि प्रदीप उस सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था. इससे मामले की गुत्थी सुलझ गई.
सुनसान जगह पर नशे में काटा गला31 मई को प्रदीप और अन्य आरोपियों ने सुब्रमण्य की हत्या की साजिश रची. इसके बाद आरोपी सुब्रमण्य की दुकान पर गए वहां से उनको कार में बिठाया. फिर साकरेपटना के पास एक सुनसान जगह पर सबने मिलकर शराब पी. इसके बाद नशे में धुत प्रदीप ने सुब्रह्मण्य का गला काट दिया. बाद में, आरोपियों ने शव को जलाने की कोशिश की, लेकिन वह पूरी तरह नहीं जला. फिर वो उसे वहीं छोड़कर भाग गए.
इसलिए पत्नी ने कराई हत्याजांच अधिकारियों ने बताया कि मीनाक्षम्मा ने अपने पति की मौत की पुष्टि होने के बाद ही पुलिस से संपर्क किया. मीनाक्षम्मा और सुब्रमण्य की दो बेटियां हैं. उनकी शादी हो चुकी है. मीनाक्षम्मा और सुब्रमण्य नाती-पोते भी हैं. चार साल पहले मीनाक्षम्मा की मुलाकात प्रदीप से हुई थी. प्रदीप भी दर्जी ही था. दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई. फिर प्रेम हो गया.
जब सुब्रमण्य को इस बारे में पता चला तो उसने उन दोनों के रिश्ते का विरोध किया, इसलिए मीनाक्षम्मा ने प्रेमी की मदद से अपने पति की हत्या करवा दी ताकि वह प्रदीप और उसके रिश्ते में दखल न दे सके.
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