8th Pay Commission: सरकारी नौकरी करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। जल्द ही केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। इस प्रस्ताव का लाभ लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को मिलने की संभावना है।
अगर सबकुछ योजना के मुताबिक चलता है तो अगले साल अप्रैल 2025 की शुरुआत में सरकार नया वेतन आयोग गठित कर सकती है। इसके बाद आयोग अपनी सिफारिशों को तैयार करेगा, जिन्हें संभवतः 2026 या 2027 में लागू किया जा सकता है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सरकार के स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
फिटमेंट फैक्टर में होगा इजाफा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाया जा सकता है। पिछले 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 रखा गया था। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये प्रतिमाह तक पहुंच सकती है। यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और पेंशन राशि पर भी असर डालेगी।
Goldman Sachs की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है कि अगर बजट आवंटन पर्याप्त होता है तो एक औसत मिड-लेवल सरकारी कर्मचारी की सैलरी 1 लाख रुपये से बढ़कर लगभग 1.18 लाख रुपये प्रतिमाह हो सकती है।
बजट आवंटन के अनुसार अनुमानित नई सैलरी:
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₹1.75 लाख करोड़ आवंटन: ₹1,14,600 प्रतिमाह
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₹2 लाख करोड़ आवंटन: ₹1,16,700 प्रतिमाह
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₹2.25 लाख करोड़ आवंटन: ₹1,18,800 प्रतिमाह
पेंशनर्स को भी होगा बड़ा लाभ
सिर्फ कर्मचारियों की ही नहीं, पेंशनभोगियों की भी चांदी होने वाली है। सूत्रों की मानें तो 8वें वेतन आयोग लागू होने के बाद न्यूनतम पेंशन राशि 25,740 रुपये प्रति माह हो सकती है। इससे वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद की जा रही है।
कई विभागों को मिलेगा लाभ
इस वेतन आयोग का लाभ सिर्फ मंत्रालयों में कार्यरत कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें रक्षा मंत्रालय, अर्धसैनिक बलों, रेलवे, डाक विभाग समेत विभिन्न सरकारी संस्थानों के कर्मचारी और पेंशनर्स शामिल होंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों को लंबे समय से उम्मीद थी कि 10 साल पूरे होने पर सरकार नया वेतन आयोग लागू करेगी। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू किया गया था। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब 8वें वेतन आयोग के लिए तैयारी हो रही है।
सरकार के इस फैसले से देश की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आने की संभावना है। बढ़ी हुई सैलरी से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी जिससे बाजार में मांग और खर्च दोनों में इजाफा देखने को मिलेगा। साथ ही बचत दर में भी बढ़ोतरी संभव है।
वेतन आयोग की प्रक्रिया
वेतन आयोग के गठन के बाद सबसे पहले सभी मंत्रालयों और विभागों से कर्मचारियों की स्थिति, सैलरी ढांचा, और भत्तों की जानकारी ली जाएगी। फिर इस जानकारी के आधार पर आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करेगा। इसके बाद इन्हें कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी।
क्या होगा असर?
इस बढ़ोतरी का असर न केवल सरकारी कर्मचारियों पर बल्कि निजी क्षेत्र पर भी पड़ेगा। कई निजी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर को सरकारी मॉडल के अनुसार संशोधित करती हैं। इससे वहां भी वेतन बढ़ोतरी के संकेत मिल सकते हैं।
कुल मिलाकर 8वें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। अब सभी की नजरें अप्रैल 2025 पर टिकी हुई हैं, जब सरकार आधिकारिक रूप से आयोग के गठन की घोषणा कर सकती है।
8वें वेतन आयोग को लेकर फिलहाल भले ही कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी न हुई हो, लेकिन तैयारियां लगभग पूरी हैं। अगर आयोग समय पर गठित होता है और सिफारिशें लागू होती हैं तो यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा साबित हो सकता है।
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