ChatGPT को बनाने वाली कंपनी OpenAI ने ब्लॉग पोस्ट में बड़ा खुलासा किया है कि चैटजीपीटी से की गई यूजर्स की बातचीत की निगरानी शुरू कर दी गई है. कंपनी यूजर्स की चैट की निगरानी इसलिए कर रही है जिससे किसी भी यूजर की चैट में हिंसा या फिर किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की झलक दिखाई देती है तो इन चैट्स को तुरंत स्पेशल रिव्यू टीम के पास भेजा जाए. अगर टीम को लगता है कि खतरा गंभीर है तो इस स्थिति में बिना देर किए कंपनी लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी को उस व्यक्ति की चैट के बारे में जानकारी शेयर कर सकती है.
कंपनी के इस खुलासे से कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि अब तक लोगों को यही लगता था कि ChatGPT के साथ की गई उनकी बात प्राइवेट और सुरक्षित रहती है. ओपनएआई की स्पेशल टीम गंभीर खतरे का पता चलने पर अकाउंट को बैन कर सकती है और पुलिस से संपर्क कर सकती है. इसका मतलब ये हुआ कि अब चैटजीपीटी से आपकी बातचीत प्राइवेट नहीं रही.
AI Safety पर बढ़ रही चिंतायह कदम एआई सेफ्टी को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते उठाया गया है. हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति लंबे समय से चैटजीपीटी से बात कर रहा था और फिर उस व्यक्ति ने मां का कत्ल कर खुद भी सुसाइड कर लिया. 56 वर्षीय स्टीन-एरिक सोलबर्ग कथित तौर पर चैटबॉट को अपना “सबसे अच्छा दोस्त” मानते था.
चैटजीपीटी के साथ की गई इस शख्स की बातचीत के स्क्रीनशॉट से पता चला कि चैटजीपीटी उसके षड्यंत्र के सिद्धांतों की पुष्टि कर रहा था, जिसमें यह विश्वास भी शामिल था कि इस व्यक्ति की बुजुर्ग मां उसे जहर देने की कोशिश कर रही थी. एआई बॉट ने हत्या के प्रयास के बारे में चर्चा के दौरान 56 वर्षीय इस व्यक्ति से कहा कि “एरिक, तुम पागल नहीं हो, तुम्हारी सहज प्रवृत्ति तेज है और यहां तुम्हारी सतर्कता पूरी तरह से उचित है
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