चीन की तरफ से रेयर-अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति पर रोक के बीच भारत की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने घोषणा की है कि वह अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में अपने टू-व्हीलर्स में रेयर-अर्थ फ्री मोटर लाएगी. कंपनी ने कहा कि रेयर-अर्थ एलिमेंट्स भविष्य में वाहन उद्योग के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं.
ओला इलेक्ट्रिक ने बताया, पिछले कुछ सालों से हम रेयर-अर्थ मुक्त मोटर्स पर काम कर रहे हैं. अप्रैल में जब चीन ने रेयर-अर्थ की कटौती की, तब हमने इस काम को तेज कर दिया और अब हमारी रेयर-अर्थ मुक्त मोटर्स तैयार हो चुकी हैं, जो अगले तिमाही से हमारे प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होंगी. रेयर-अर्थ मैग्नेट छोटे आकार और ज्यादा क्षमता के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों और ऑटो उद्योग के डिजिटल सिस्टम्स में बड़े पैमाने पर उपयोग होते हैं. पिछले कई वर्षों से चीन ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. वह दुनिया के 60% रेयर-अर्थ एलिमेंट्स बनाता है और 90% रिफाइनिंग की क्षमता भी उसके पास है.
चीन ने निर्यात पर लगाईं कड़ी शर्तेंअप्रैल में चीन ने रेयर-अर्थ एलिमेंट्स और मैग्नेट्स के निर्यात पर कड़ी शर्तें लगाईं, जिनमें आयात के लिए विशेष अनुमति, यह सुनिश्चित करना कि यह सेना में इस्तेमाल नहीं होगा और कई मंत्रालयों और चीन के दूतावास से मंजूरी लेना शामिल है. इससे पूरी दुनिया की ऑटो और अन्य इंडस्ट्री पर असर पड़ा है.ओला इलेक्ट्रिक ने कहा, हम मोटर, मोटर कंट्रोलर और सॉफ्टवेयर खुद बनाते हैं, इसलिए हमारे पास इस संकट से निपटने के लिए कई उपाय हैं. कंपनी ने बताया कि उनके पास अच्छी मात्रा में स्टॉक है और दो देशों से मैग्नेट की आपूर्ति हो रही है जिससे फिलहाल कोई बड़ा संकट नहीं है. कंपनी ने आगे कहा, हम किसी बाहरी मोटर सप्लायर पर निर्भर नहीं हैं, इसलिए हम जल्दी बदलाव कर पाए और अन्य स्रोतों से मैग्नेट मंगाना शुरू कर दिया.
इन कंपनियों ने जताई थी चिंताबजाज ऑटो और टीवीएस मोटर जैसी अन्य प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों ने हाल ही में चीन से मैग्नेट की आपूर्ति में बाधा को लेकर चिंता जताई है और उत्पादन में रुकावट की चेतावनी दी है. भारत और दुनियाभर के कई ऑटो पार्ट्स निर्माता रेयर-अर्थ मैग्नेट का विकल्प तैयार करने पर काम कर रहे हैं. महले, वालेओ, स्टर्लिंग गटेक, सोना कॉमस्टार, ग्रीव्स कॉटन, चारा टेक्नोलॉजीज और अट्रॉन ऑटोमोटिव जैसी कंपनियां भी रेयर-अर्थ मुक्त मोटर्स या वैकल्पिक सिस्टम पर रिसर्च कर रही हैं. हालांकि, रेयर-अर्थ मुक्त मोटर्स से इन मैटेरियल्स पर निर्भरता कम हो सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि हाई परफॉर्मेंस वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन तकनीकों को अपनाना आसान नहीं है.
क्या है चुनौतियांइन नई तकनीकों में कम पावर डेंसिटी, कम एफिशिएंसी और मोटर का ज्यादा वजन और आकार जैसी दिक्कतें सामने आ रही हैं. अभी तक ये बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में नहीं आ पाई हैं. इस बीच भारत सरकार घरेलू स्तर पर मैग्नेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ₹1,345 करोड़ की योजना लाने पर विचार कर रही है. यह योजना चीन पर निर्भरता घटाने और देश की सप्लाई चेन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा होगी.
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