नई दिल्ली, 9 मई . केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
आपातकालीन मामलों से निपटने के लिए चिकित्सा तैयारियों की वर्तमान स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. उन्हें एम्बुलेंस की तैनाती, उपकरण, दवाइयां, रक्त की शीशियों और उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति सहित चिकित्सा आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने से अवगत कराया गया.
केंद्रीय मंत्री को बेड, आईसीयू और एचडीयू के संदर्भ में भी अस्पताल की तैयारी, भीष्म क्यूब्स, उन्नत मोबाइल ट्रॉमा केयर यूनिट आदि की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी गई.
उल्लेखनीय है कि अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को आवश्यक दवाओं, रक्त, ऑक्सीजन, ट्रॉमा केयर किट आदि की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. एम्स नई दिल्ली और अन्य केंद्रीय सरकारी अस्पतालों ने तैयार तैनाती के लिए आपूर्ति के साथ डॉक्टरों और नर्सों को जुटाया है. उन्हें राज्य और जिला प्रशासन, सशस्त्र बलों और डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, निजी क्षेत्र के अस्पतालों, धर्मार्थ संस्थानों आदि के क्षेत्रीय संघों के साथ समन्वय करने की सलाह दी गई है, ताकि आपातकालीन नेटवर्क को सहयोगात्मक तरीके से मजबूत किया जा सके.
इसके अतिरिक्त, एम्स, पीजीआईएमईआर, जेआईपीएमईआर और अन्य प्रमुख अस्पतालों में आपदा तैयारियों के लिए राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की गई है. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा में क्षमता निर्माण के लिए भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (एनआईएचएफडब्ल्यू), एम्स नई दिल्ली और आईजीओटी के सहयोग से सीपीआर, प्राथमिक चिकित्सा और बुनियादी जीवन समर्थन के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किए जा रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के भीतर संबंधित लोगों के साथ निर्बाध समन्वय के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के साथ अपनी बैठकों की भी जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य आपातकालीन प्रणालियां हर समय पर्याप्त रूप से सुसज्जित और कार्यात्मक हों. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी राज्य सरकारों, विशेषकर जिला स्तर पर, विशेषकर सीमावर्ती राज्यों के साथ जमीनी स्तर पर संपर्क प्रभावी ढंग से स्थापित किए जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मंत्रालय में एक चौबीसों घंटे वाला नियंत्रण और कमांड सेंटर को वर्तमान समय में चल रहे प्रयासों की निगरानी करते हुए राज्यों को सहायता प्रदान करनी चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और सभी क्षेत्रों में निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.
–
एसके/एबीएम/डीएससी
The post first appeared on .
You may also like
यूपी में शादी से पहले दुल्हन ने प्रेमी के साथ भागकर मचाई हलचल
यूपी में कार चढ़ाने की घटना: छात्राओं पर हमला, चालक हिरासत में
किरायेदारों के सत्यापन में हुई बड़ी कार्रवाई, 50 मकान मालिकों पर लगा 5 लाख का जुर्माना
रावलपिंडी तक सुनाई दी ब्रह्मोस की धमक, अंदर घुसकर जवाब देगा नया भारत: राजनाथ सिंह….
State Bank of India Savings Scheme: Rs 2 लाख के निवेश पर ₹32,044 का गारंटीड लाभ, पूरी जानकारी यहाँ