संयुक्त राष्ट्र, 19 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीमें दक्षिण गाजा में पोलियो टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले स्वास्थ्य सुविधाओं तक आपूर्ति पहुंचाने के लिए जमीन पर काम कर रही है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया, ”संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि दक्षिणी गाजा में पोलियो टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शनिवार से शुरू होगा और इसका लक्ष्य 293,000 से अधिक बच्चों को टीके की दूसरी खुराक और 284,000 से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक देना है.”
पोलियो टीकाकरण अभियान का दूसरा दौर बुधवार को मध्य गाजा में संपन्न हुआ, जिसमें 181,000 से अधिक बच्चों को टीका लगाया गया और 148,000 से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई, 1 से 12 सितंबर तक आयोजित पहले दौर के बाद गाजा पट्टी में 559,000 से अधिक बच्चों तक पहुंच बनाई गई.
इस बीच ओसीएचए ने कहा कि वह गाजा के उत्तरी भाग में नागरिकों के सामने बढ़ती भयावह और खतरनाक स्थिति के बारे में चेतावनी देना जारी रखे हुए है. वहां के परिवार भारी बमबारी के बीच भयावह परिस्थितियों में जीवित रहने की कोशिश कर रहे हैं.
कार्यालय ने कहा कि फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने अब उत्तर में अपने एक स्कूल पर एक और हमले की पुष्टि की है. इस सप्ताह यह तीसरा ऐसा हमला है. बता दें कि गुरुवार को जबाल्या में स्कूल पर हमला हुआ था, जिसमें बच्चों सहित वहां शरण लिए हुए कई लोग मारे गए थे.
ओसीएचए ने चेतावनी दी है कि जबाल्या क्षेत्र में पहुंच की कमी के कारण जीवन को खतरा हो रहा है. कार्यालय ने कहा कि उसने शुक्रवार को इजरायली अधिकारियों से तत्काल अनुरोध किया कि वे मलबे में फंसे जिंदा कई लोगों को निकालने में मदद करें.
ओसीएचए ने कहा कि अक्टूबर की शुरुआत में गाजा के उत्तरी हिस्से में कोई खाद्य आपूर्ति नहीं पहुंची. पहुंच और आपूर्ति की कमी के साथ जारी लड़ाई के कारण विश्व खाद्य कार्यक्रम केवल 100,000 लोगों तक ही पहुंच पाया. मंगलवार को दो सप्ताह तक बंद क्रॉसिंग के बाद आटे से भरे 12 ट्रक उत्तरी गाजा में पहुंचे, लेकिन ये आपूर्ति केवल 9,200 परिवारों के लिए ही पर्याप्त थी.
ओसीएचए ने कहा कि उसने इजरायली अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे जाबाल्या और उत्तर के उन सभी क्षेत्रों में सुरक्षित, तीव्र, निरंतर और निर्बाध पहुंच की अनुमति दें, जहां लोगों को सहायता की सख्त जरूरत है.
कार्यालय ने कहा, “सहायता संगठनों को गाजा पट्टी में अपने जीवन रक्षक कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए.”
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एमकेएस/एएस
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