Bengaluru, 16 अक्टूबर . कर्नाटक में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने सर्वे में भाग लेने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस के श्रम मंत्री संतोष लाड ने उनके फैसले का सम्मान करने की बात कही.
दरअसल, सुधा मूर्ति ने कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्र लिखकर कहा कि वे किसी पिछड़े वर्ग से नहीं आते, इसलिए उनका व्यक्तिगत विवरण प्रदान करना Government के लिए उपयोगी नहीं होगा. हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार सर्वे स्वैच्छिक है, इसलिए इनकार वैध है.
संतोष लाड ने Bengaluru में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जो कुछ भी उन्होंने कहा है, वह अभिव्यक्ति का एक तरीका है. यह उनकी पसंद है. Government होने के नाते हम किसी को मजबूर नहीं कर सकते. कौन प्रभावशाली है, यह व्यक्तिपरक है. मुझे नहीं लगता कि इसका समाज पर कोई प्रभाव पड़ेगा. अगर उन्होंने अपना रुख अपनाया है, तो मैं उनका सम्मान करूंगा.”
उन्होंने कहा, “जो होना चाहिए, उसे Governmentी फैसले में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. अगर वह राज्य Government चलाना चाहती हैं, तो उन्हें अन्य मुद्दों पर भी बोलना चाहिए.”
लाड ने उपChief Minister डीके शिवकुमार के उस बयान में सहमति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि सर्वे में भागीदारी जबरन नहीं की जा सकती.
सर्वे 22 सितंबर से चल रहा है, जो 7 करोड़ लोगों को कवर करेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में 90 प्रतिशत सहयोग मिला है, लेकिन Bengaluru में प्रगति धीमी है.
प्रियांक खड़गे ने Chief Minister सिद्धारमैया को पत्र लिखकर Governmentी परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाली मांग का समर्थन किया. लाड ने कहा, “आरएसएस की शाखाएं Governmentी स्कूलों, पार्कों और मंदिरों में चल रही हैं, जो संविधान की भावना के विरुद्ध है. बच्चों में नकारात्मक विचार डाल रही हैं.”
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एससीएच
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