कोच्चि, 8 अक्टूबर . भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी का मामला अब और गंभीर हो गया है. Wednesday को Enforcement Directorate (ईडी) ने केरल और तमिलनाडु में 17 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे. इन छापों में मलयालम फिल्मों के मशहूर Actor ममूटी, उनके बेटे दुलकर सलमान, Actor पृथ्वीराज सुकुमारन और अमित चकलक्कल के घर शामिल थे. ईडी ने कहा कि ये कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन से जुड़ी हुई है.
ममूटी के घर एलमकुलम में, दुलकर के कोच्चि और चेन्नई वाले घर, पृथ्वीराज के निवास, और अमित के कदवंथरा स्थित घर पर छापे मारे गए. इसके अलावा, पांच जिलों में कार डीलरों के यहां भी तलाशी ली गई. जांच में पता चला है कि कुछ लोग भूटान और नेपाल के रास्ते से महंगी कारें India में अवैध तरीके से ला रहे हैं.
इन कारों में टोयोटा लैंड क्रूजर और लैंड रोवर डिफेंडर जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं. आरोप है कि इन कारों के फर्जी दस्तावेज बनाए गए, जिनमें भारतीय सेना, अमेरिकी दूतावास और विदेश मंत्रालय के नाम से नकली कागजात शामिल थे. इन नकली दस्तावेजों के सहारे कारों को अरुणाचल प्रदेश, Himachal Pradesh और अन्य राज्यों में गलत तरीके से रजिस्टर कराया गया. इसके बाद ये कारें सेलिब्रिटी समेत कई लोगों को कम दामों पर बेच दी जाती थीं.
यह कार्रवाई उसके बाद हुई है जब केरल हाईकोर्ट ने दुलकर को उनकी एक जब्त की गई कार के लिए भारतीय कस्टम विभाग से संपर्क करने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया कि दुलकर की तरफ से सही कागजात और सिक्योरिटी जमा करने पर एक सप्ताह के अंदर कार रिलीज करने पर विचार करें.
दुलकर के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह कार 2004 में रेड क्रॉस के लिए कानूनी तौर पर आयात की गई थी और बाद में यह कार वैध तरीके से खरीदी गई है. हालांकि, कस्टम विभाग ने अपनी जांच और मिली जानकारी के आधार पर कार जब्त करने का अधिकार बनाए रखा है.
जांच में सामने आया है कि केरल में अब तक लगभग 150 ऐसी अवैध तरीके से आयातित कारें मौजूद हैं, जिनमें से करीब 40 कारें जब्त की जा चुकी हैं. दुलकर की अन्य दो कारें भी पहले जब्त हो चुकी हैं, जिन पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई थी. हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग से पूछा है कि वे कार मालिकों के बारे में पूरी जानकारी और नकली रजिस्ट्रेशन के सबूत कब और कैसे उपलब्ध कराएंगे.
अब यह मामला इस बात पर निर्भर करेगा कि दुलकर की कार को धारा 110(ए) के तहत रिलीज करने की मांग कस्टम विभाग द्वारा मंजूर की जाती है या नहीं. ईडी की जांच के दायरे को बढ़ाए जाने की संभावना है, जिससे और भी ज्यादा महंगी कारों के मालिकों पर जांच हो सकती है.
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पीके/एएस
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