Next Story
Newszop

उत्तराखंड : हरीश रावत ने 'ऑपरेशन कालनेमि' पर उठाए सवाल, शशि थरूर को दी नसीहत

Send Push

देहरादून, 11 जुलाई . उत्तराखंड के पूर्व Chief Minister और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने प्रदेश सरकार के ‘ऑपरेशन कालनेमि’ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कदम फर्जी साधु-संतों को पकड़ने के लिए सही है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोगों को भी दंडित करना चाहिए.

उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि रामायण के कालनेमि जैसे छद्म लोगों को पकड़ने के साथ-साथ उन लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो डर और अंधविश्वास फैलाकर जनता का शोषण करते हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग धर्म और भय का सहारा लेकर लोगों को मानसिक रूप से कमजोर करते हैं, जिससे उनका आर्थिक और सामाजिक शोषण होता है. ऑपरेशन कालनेमि को उन कुविचारों और गलत मानसिकता वालों के खिलाफ भी चलाया जाना चाहिए, जो जनता को भ्रमित करते हैं.

हरीश रावत ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के आपातकाल (1975) पर हालिया लेख की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे व्यक्ति को इतिहास को ठीक से समझना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि आपातकाल उस समय की परिस्थितियों में जरूरी था, जब रामलीला मैदान में विपक्ष ने संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ बयान दिए थे.

उन्होंने कहा कि बिहार और गुजरात में आंदोलनात्मक स्थिति चिंताजनक थी, जिसके कारण इंदिरा गांधी को आपातकाल लगाना पड़ा. हालांकि, जब इंदिरा गांधी को लगा कि इसका गलत उपयोग हो रहा है, तो उन्होंने इसे हटा लिया और चुनाव में गईं. जनता ने 1977 में उन्हें दंडित किया, लेकिन 1980 में फिर समर्थन दिया.

उन्होंने थरूर से मौजूदा “अघोषित आपातकाल” पर भी बोलने की अपेक्षा जताई, जहां संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है.

उन्होंने गुजरात कांग्रेस के एक जिला अध्यक्ष हाजी रमैया के पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने शिकायत की थी कि राहुल गांधी से मिले गुजरात के प्रतिनिधिमंडल में अल्पसंख्यक नेता शामिल नहीं थे.

उन्होंने इसे गलती माना, लेकिन कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है और ऐसी गलती को सुधारा जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्टी भविष्य में प्रतिनिधिमंडल में सभी वर्गों को शामिल करने का ध्यान रखेगी, ताकि समाज में बहुलवादी छवि बनी रहे. Supreme court के हालिया फैसले पर रावत ने कहा कि कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है, लेकिन सवाल उठाया कि इसकी जरूरत क्या थी. कोर्ट ने आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मतदाता सूची में शामिल करने की सलाह दी, लेकिन यह भी कहा कि चुनाव आयोग का दायित्व अधिक से अधिक लोगों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है, न कि छंटनी करना.

पूर्व Chief Minister ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आधार को मतदाता सूची से जोड़ने का विरोध कांग्रेस ने पहले इसलिए किया था, क्योंकि उस समय संदर्भ अलग था. अब परिस्थितियां बदल गई हैं, इसलिए सुझाव भी अलग हैं. रावत ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन कालनेमि और आपातकाल जैसे मुद्दों पर खुली चर्चा होनी चाहिए.

एसएचके/जीकेटी

The post उत्तराखंड : हरीश रावत ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ पर उठाए सवाल, शशि थरूर को दी नसीहत first appeared on indias news.

Loving Newspoint? Download the app now