Top News
Next Story
Newszop

स्वावलंबन-2024 : भविष्य के युद्ध और प्रौद्योगिकियों पर नौसेना करेगी विमर्श

Send Push

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर . भारतीय नौसेना अपने ‘स्वावलंबन’ का प्रदर्शन करेगी. नौसेना का ‘स्वावलंबन-2024’ सेमिनार सोमवार से प्रारंभ हो रहा है. इस दौरान भारतीय नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण प्रयासों को प्रदर्शित करेगी. नौसेना भविष्य के युद्ध और उभरती प्रौद्योगिकियों पर महत्वपूर्ण चर्चा करेगी.

नई दिल्ली में आयोजित इस नौसैनिक सेमिनार ‘स्वावलंबन’ में वायु व सतह से निगरानी प्रणाली का प्रदर्शन किया जाएगा. सतह, हवाई और पानी के नीचे डोमेन और क्वांटम प्रौद्योगिकियों से जुड़ी अत्यधिक प्रणालियां भी नौसेना द्वारा प्रदर्शित की जाएगी. स्वावलंबन-2024, दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है.

नौसेना के मुताबिक यहां उद्योग, शिक्षा जगत, स्टार्ट-अप और विभिन्न हितधारक, अलग-अलग चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए सहयोग करेंगे. इस सेमिनार के दौरान अत्याधुनिक तकनीकों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा. सम्मेलन के दौरान इनोवेटर्स को सम्मानित भी किया जाएगा.

‘स्वावलंबन’ के लिए हैकथॉन चुनौती भी रखी गई है, जो एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है. इसका मकसद नौसेना के समक्ष आने वाली मौजूदा समस्याओं का तकनीकी समाधान प्रदान करना है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्वावलंबन के पिछले दो संस्करणों में भारतीय नौसेना को स्वदेशी उद्योग से दो हजार से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. ‘स्वावलंबन 2024’ भारतीय नौसेना के नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण सेमिनार का तीसरा संस्करण है. यह सेमिनार 28 और 29 अक्टूबर तक दो दिन चलेगा और इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.

पहले दिन 28 अक्टूबर को एक बेहद खास प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी. यह प्रदर्शनी भारत मंडपम के हॉल नंबर 14 में रखी गई है. दूसरे दिन 29 अक्टूबर को ‘भविष्य के युद्ध और उभरती प्रौद्योगिकियों’ पर सेमिनार सत्र होगा.

‘बूस्टिंग इनोवेशन इकोसिस्टम’ पर भी सेमिनार सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे करेंगे. इसके अतिरिक्त ‘स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र व रक्षा बलों में नवाचार’ पर भी विशेष सत्र रखे गए हैं.

28 और 29 अक्टूबर को भारत मंडपम में आयोजित होने वाले ‘स्वावलंबन’ की मुख्य विशेषताओं के बारे में नौसेना का कहना है कि यह कार्यक्रम सशस्त्र बलों, नवाचार भागीदारों और भारतीय उद्योग के प्रमुख नवाचार और स्वदेशीकरण प्रयासों को प्रदर्शित करेगा.

इस वर्ष के कार्यक्रम की अवधारणा पिछले कार्यक्रमों की तुलना में अधिक बड़ी और अधिक प्रभावशाली है. कार्यक्रम तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेगा जो भारत की रक्षा क्षमताओं को काफी मजबूत करेगा.

जीसीबी/एबीएम

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now