नई दिल्ली, 29 मई . डिजिटल कॉमर्स में डार्क पैटर्न को लेकर बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ता संरक्षण के अनुपालन में डार्क पैटर्न का एनालिसिस करने और उसे हटाने के लिए सेल्फ-ऑडिट के निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जिम्मेदार उद्योग व्यवहार के महत्व पर जोर दिया.
केंद्रीय मंत्री ने सभी कंपनियों से दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करने और उन्हें आंतरिक प्रशासन और उपभोक्ता संरक्षण तंत्र में एकीकृत करने का आग्रह किया.
एक उच्च स्तरीय हितधारक बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज के उपभोक्ता सतर्क, सूचित और अपने अधिकारों के प्रति तेजी से जागरूक हो रहे हैं, वे धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उपभोक्ता मामले विभाग ने भ्रामक ऑनलाइन आचरण को समाप्त करने पर केंद्रित बातचीत के लिए एक बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों, उद्योग संघों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के प्रमुख प्रतिनिधियों को एक साथ लाया गया.
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर डार्क पैटर्न से जुड़े उपभोक्ता शिकायतों में तेजी से वृद्धि देखी गई है. इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने सभी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए नियमित आंतरिक ऑडिट करें.
उन्होंने कहा, “कंपनियों को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की कार्यवाही का इंतजार नहीं करना चाहिए. उन्हें नोटिस जारी होने से पहले इन भ्रामक आचरण को सक्रिय रूप से पहचानना चाहिए और उन्हें खत्म करना चाहिए. यह केवल विनियामक का अनुपालन नहीं है, यह कंपनियों का उपभोक्ताओं के साथ विश्वास बनाए रखने के लिए भी जरूरी है.”
उन्होंने आगे कहा कि डार्क पैटर्न बस्टर हैकाथॉन 2023 के जरिए सामने आए रचनात्मक विचारों और तकनीकी समाधानों ने आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर विभाग को तीन शक्तिशाली उपभोक्ता संरक्षण उपकरण – जागृति ऐप, जागो ग्राहक जागो ऐप और जागृति डैशबोर्ड विकसित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, “ये उपकरण ऑनलाइन उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली भ्रामक डिजाइन आचरण से निपटने के हमारे संकल्प का प्रमाण हैं.”
उन्होंने बताया कि जागृति ऐप उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की रिपोर्ट सीधे सीसीपीए को करने में सक्षम बनाता है और संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान करता है, जबकि जागो ग्राहक जागो ऐप उपयोगकर्ताओं को जाली प्लेटफॉर्म से बचाता है और उपभोक्ता द्वारा देखे जा रहे ई-कॉमर्स लिंक के लिए रियल टाइम सुरक्षा स्कोर प्रदान करता है.
इसके अलावा, जागृति डैशबोर्ड एक मजबूत विश्लेषणात्मक उपकरण के रूप में कार्य करता है, जो सीसीपीए की जांच के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के लिए डार्क पैटर्न पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है.
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये प्रयास डिजिटल बाजार में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.
–
एसकेटी/केआर
The post first appeared on .
You may also like
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प के हक में दिया फैसला, 5,00,000 अप्रवासियों के निर्वासन का खतरा..
GT vs MI Eliminator: मुंबई ने गुजरात के सामने जीत के लिए रखा 229 रनों का लक्ष्य, रोहित ने खेली बेहतरीन पारी
लिवर धीरे-धीरे हो रहा है खराब? इन 7 लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!
हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, सीआईआई के कार्यक्रम में बोलीं केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी
अंकिता भंडारी हत्या मामला: दोषियों को उम्र क़ैद, मां-बाप बोले, 'अधूरा न्याय मिला'