New Delhi, 5 अक्टूबर . अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. इस बीच अमेरिकी जिला जज रूडोल्फ कॉन्ट्रेरास ने नाबालिग प्रवासियों को वयस्क हिरासत केंद्रों में भेजने पर रोक लगा दी है.
कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि ट्रंप Government की नई नीति उनके (जिला जज रूडोल्फ कॉन्ट्रेरास) द्वारा 2021 में जारी किए गए एक आदेश का उल्लंघन करती है. दरअसल, 2021 में जिला जज ने की तरफ से अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन को निर्देश दिया गया था कि 18 साल की आयु पूरी होने के बाद ही किसी भी प्रवासी को आईसीई हिरासत केंद्र में भेजा जाए.
बता दें, नाबालिग प्रवासियों को आईसीई हिरासत केंद्रों में नहीं रखा जाता है, बल्कि उन्हें अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग द्वारा संचालित केंद्रों में रखा जाता है. कई आव्रजन अधिकार समूहों ने इस याचिका में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट का ये आदेश सामने आया.
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप Government अब किशोर प्रवासियों को स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ने के लिए 2,500 डॉलर का दे रही है.
पिछले महीने, एक अन्य जज ने ट्रंप Government को ग्वाटेमाला के नाबालिगों को उनके देश वापस भेजने से रोक दिया था. दरअसल, अमेरिकी Government ने दावा किया था कि इन नाबालिगों को उनके माता-पिता से मिलवाया जाएगा.
हालांकि, बाद में Government अपने दावे को साबित नहीं कर पाई, जिसके बाद कोर्ट ने नाबालिगों को उनके देश वापस भेजने पर रोक लगा दी. कोर्ट की तरफ से यह कहा गया कि ट्रंप Government यह साबित नहीं कर पाई कि उन नाबालिगों के माता-पिता उन्हें वापस अपने पास चाहते हैं.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेना इस समय बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इसे लेकर शिकागो में इन दिनों काफी बवाल भी मचा हुआ है. अमेरिकी Government ने शिकागो में 300 के करीब गार्ड्समैन तैनात करने का फैसला लिया है.
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केके/एएस
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