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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने उठाए सवाल

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नई दिल्ली, 3 जुलाई . बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची के मेगा वेरिफिकेशन ड्राइव पर विपक्षी दलों की ओर से विरोध जताया जा रहा है. अब इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा का नाम भी जुड़ गया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि यह प्रक्रिया बाद में भी की जा सकती थी, चुनाव से ठीक पहले इसकी क्या जरूरत थी?

किशोरी लाल शर्मा ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग को सभी दलों के साथ बैठक करके उनका पक्ष सुनना चाहिए था और फिर फैसला लेना चाहिए था. शर्मा ने यह भी चिंता जताई कि इस तरह की प्रक्रिया हर उस राज्य में लागू की जा सकती है जहां चुनाव होने हैं, और इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि अगर 2024 में मतदाता सूची सही थी तो अब अचानक गलत कैसे हो गई? या तो उस सूची के आधार पर हुए चुनाव भी रद्द किए जाएं. लोकतंत्र में संवैधानिक संस्थानों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं, लेकिन वे ऐसा करने में विफल हो रही हैं.

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और अब जब बिहार में चुनाव आयोग मतदाता सूची को लेकर अभियान चला रहा है तो कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को दिक्कत हो रही है. जब इस पर कांग्रेस सांसद का जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना था, तो वह पहले सर्वदलीय बैठक कर सकता था, सबकी बात सुन सकता था, इसके बाद उसे यह अभियान शुरू करना चाहिए था. चुनाव से ठीक पहले ऐसा करने की क्या जल्दी थी? अगर चुनाव से ठीक पहले हर राज्य में ऐसा किया जा रहा है, तो असली सवाल यह है कि इसके पीछे मंशा क्या है.

विपक्ष लगातार इस बात को दोहरा रहा है कि चुनाव आयोग सत्ता पक्ष के दबाव में यह वेरिफिकेशन अभियान शुरू कर रहा है, जिससे गरीबों और वंचितों को वोट के अधिकार से वंचित किया जा सके.

डीकेएम/एकेजे

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