देहरादून, 16 जुलाई . उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और प्रकृति से जुड़ाव को दर्शाने वाला हरेला पर्व अब सिर्फ एक परंपरागत आयोजन नहीं रहा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जनभागीदारी का एक सशक्त अभियान बन चुका है. इस वर्ष हरेला पर्व पर पूरे उत्तराखंड में एक नया इतिहास रचा गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने और व्यापक रूप देते हुए इसे ‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ’ जैसे सार्थक जनसंदेश से जोड़ा.
Chief Minister धामी ने देहरादून में स्वयं पौधारोपण कर इस अभियान की शुरुआत की और इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के बजाय जन-जन की भागीदारी वाला हरित जनांदोलन बना दिया. प्रदेश के सभी 13 जिलों के गांवों, कस्बों, शहरों और स्कूलों में हजारों स्थानों पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए. स्थानीय प्रशासन, वन विभाग, स्वयंसेवी संगठनों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, महिला समूहों और युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की. अब तक पूरे राज्य में 8 लाख 13 हजार से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं, जो कि किसी एक पर्व के अवसर पर उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा पौधारोपण प्रयास है. यह सिर्फ वृक्षारोपण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसी पहल है जो प्रदेशवासियों में प्रकृति के प्रति आस्था, उत्तरदायित्व और संरक्षण की भावना को और गहरा कर रही है.
Chief Minister धामी ने कहा कि यह पर्व दर्शाता है कि उत्तराखंड सिर्फ एक हिमालयी राज्य नहीं, बल्कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए जागरूक और सक्रिय समाज का प्रतीक है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि State government विकास और आस्था, दोनों के संतुलन के साथ आगे बढ़ रही है और पर्यावरण संरक्षण सरकार की प्राथमिक नीति का अभिन्न हिस्सा है.
Chief Minister ने इस बात पर जोर दिया कि हरेला पर्व अब सिर्फ सांस्कृतिक पर्व नहीं रहा, बल्कि यह प्रदेशवासियों की सामूहिक चेतना का उत्सव बन गया है. पौधों के रूप में जो बीज धरती में रोपे जा रहे हैं, वे हरियाली, उम्मीद, आस्था और सतत विकास के प्रतीक हैं. आने वाले वर्षों में यही बीज एक हरित, समृद्ध और पर्यावरण-संवेदनशील उत्तराखंड के निर्माण में आधार बनेंगे.
–
डीकेपी
The post उत्तराखंड में हरेला पर्व बना हरित क्रांति का उत्सव, 8 लाख 13 हजार से अधिक पौधारोपण हुआ first appeared on indias news.
You may also like
दिल्ली में महिलाओं के लिए बेहतरीन नाइट पार्टी स्पॉट्स
शराब छोड़ने के फायदे: एक महीने में क्या बदलाव आएंगे?
बड़ी उम्र के पुरुषों की ओर आकर्षित होने के कारण
घर में शराब रखने को लेकर भी तय है लिमिट, देखिये किस राज्य के लोगों को कितनी शराब रखने की है अनुमति
'पटियाला पेग' दिलजीत के इस गाने पर थिरकते हुए जाम छलकाने वाले भी नही जानते इस पेग का इतिहास, जान लें कैसे और कहां से हुई इसकी शुरूआत