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बिहार में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक को बीवीसी यानी भारत विरोधी कमेटी कहना ज्यादा सही होगा : शहजाद पूनवाला

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New Delhi, 24 सितंबर . भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला ने Wednesday को New Delhi स्थित भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस, आरजेडी और राहुल गांधी पर हमला किया है. पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी अब बीवीसी यानी ‘India विरोधी कमेटी’ बन गई है, क्योंकि राहुल गांधी विदेशी मीडिया में India की चुनावी प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं पर बिना प्रमाण के आरोप लगा माहौल बना रहे हैं.

शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने बिहारियों सहित मेहनतकश जनता का अपमान किया. उन्होंने जनता से अपील की कि वे इन नेताओं का हिसाब वोट के माध्यम से जरूर लें और उन्हें जवाबदेह ठहराएं.

उन्होंने राहुल गांधी का एक अखबार में प्रकाशित इंटरव्यू पढ़ते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान नेता प्रतिपक्ष द्वारा तो संभव नहीं लगते. अगर एलओपी का अर्थ लीडर ऑफ प्रोपेगंडा और लीडर ऑफ Pakistan हो, तब तो यह संभव हो सकता है कि राहुल गांधी ने विदेशी अखबार को यह इंटरव्यू दिया हो. कांग्रेस के युवराज और शहजादे द्वारा यह इंटरव्यू दिया गया, इसलिए इसे India विरोधी कमेटी कहना गलत नहीं होगा. राहुल गांधी कई दिनों से हाइड्रोजन बॉम्ब, न्यूक्लियर बॉम्ब, एटम बॉम्ब जैसी बातें कर रहे थे, लेकिन वो सब सुतली बॉम्ब निकले. उन्होंने एक ऐसा बॉम्ब फोड़ दिया है जो खुद ही सेल्फ डेटोनेट हो गया. राहुल गांधी विदेशियों के मीडिया से बात करना पसंद करते हैं, लेकिन India के अखबारों और मीडिया से कब बात करेंगे?

पूनावाला ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति यह है कि देश की चुनावी प्रणाली की इंटीग्रिटी को चुनौती दी जाए और सार्वजनिक दबाव बनाया जाए, लेकिन उनके पास कोई प्रमाण नहीं है, वे बस माहौल बनाना चाहते हैं. पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त India की चुनावी प्रणाली को कांग्रेस और राहुल गांधी द्वारा संकटग्रस्त दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. जहां पूरी दुनिया में India की चुनावी प्रणाली का डंका बजता है, इसे लेकर India विरोधी कांग्रेस शंका पैदा करना चाहती है.

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के इसी इंटरव्यू आर्टिकल में लिखा है कि गांधी और कांग्रेस पार्टी ने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया कि कथित हेरफेर किसने की. आर्टिकल में लिखा गया है कि राहुल गांधी का एजेंडा स्पष्ट है कि वो चुनावी प्रणाली की संप्रभुता को ही हिलाना चाहते हैं, और यह प्रमाण के आधार पर या Supreme court या किसी अन्य कोर्ट में साबित करने के आधार पर नहीं बल्कि प्रचार माध्यम के माध्यम से यह करना चाहते हैं. राहुल गांधी ने जो प्रमाण प्रस्तुत किया, वे केवल कर्नाटक और Maharashtra के चुनावों के कुछ नमूने थे, जिसे सत्यापित नहीं किया जा सका. जिस अखबार को राहुल गांधी ने इंटरव्यू दिया, उस अखबार ने ही कहा कि राहुल गांधी द्वारा पेश किए गए प्रमाण सार्वजनिक रूप से सत्यापित नहीं किए जा सकते.

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि Lok Sabha में विपक्ष के नेता का बयान स्पष्ट करता है कि राहुल गांधी की पार्टी रणनीति चुनावी प्रणाली की ईमानदारी को चुनौती देने और जनता पर दबाव बनाने पर आधारित है. राहुल गांधी स्वयं स्वीकार कह चुके हैं कि वे ‘द गेम ऑफ मास मोबिलाइजेशन’ खेल रहे हैं, जबकि उनके पास चुनाव आयोग पर आरोप लगाने के लिए कोई प्रमाण या Supreme court में प्रस्तुत करने योग्य सबूत नहीं है. जब उनसे कहा जाता है कि कोर्ट में पेश करो तो वो नहीं कर पाते, जब उनसे पूछा जाता है कि उनके ब्लॉक लेवल और अन्य कार्यकर्ताओं ने क्या किया तो उसका भी कोई प्रमाण नहीं है. यह दर्शाता है कि राहुल गांधी संविधानिक संस्थाओं और अंबेडकर द्वारा निर्मित संवैधानिक व्यवस्थाओं पर बिना प्रमाण के ‘हिट एंड रन’ आरोप लगाने की रणनीति अपना रहे हैं.

पूनावाला ने कहा कि वर्ष 2023 में राहुल गांधी ने कहा था कि India एक राष्ट्र नहीं है, सितंबर 2024 में उन्होंने India में सिख धर्म पर टिप्पणी करते हुए कहा India में सिखों को पगढ़ी और कड़ा पहनने की आजादी नहीं हैं, और इसके बाद भारतीय सेना पर भी टिप्पणी की, जिसे लेकर Supreme court ने कहा कि कोई कोई भी भारतीय ऐसा नहीं कह सकता. वर्ष 2023-24 में उन्होंने न्यायपालिका को लेकर भी विदेशी धरती पर बिना किसी प्रमाण के अनर्गल टिप्पणियां कीं. इसका पूरा मतलब यह है कि राहुल गांधी लगातार इस प्रकार के बयान देने वाले ‘सीरियल ऑफेंडर’ हैं और वे कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य नहीं, बल्कि बीवीसी यानी India विरोधी कमेटी के सदस्य के रूप में India की संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ परमाणु या हाइड्रोजन बम इक्स्प्लोड करना चाहते हैं.

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि India की संस्कृति का विरोध करना और विदेशी धरती पर अनर्गल टिप्पणियां करना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है. कुल मिलाकर Prime Minister Narendra Modi के विरोध में उतरते-उतरते राहुल गांधी देश विरोध की स्थिति में पहुंच गए हैं और इस प्रकार की टिप्पणियां करना उनकी असली समस्या है. यह राहुल गांधी की व्यक्तिगत मानसिकता से जुड़ा है, जो ‘ईएमआई’ यानी ईंटाइटल्ड मेंटलिटी ऑफ इंदिरा का ग्रैंडसन और इमरजेंसी मानसिकता ऑफ इंदिरा का ग्रैंडसन है. 50 वर्ष पहले इंदिरा गांधी ने भी यही कहा ‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा’. जब उनके खिलाफ कोर्ट से फैसला आया तो उन्होंने इमरजेंसी लगा दी, क्योंकि उनके लिए परिवार संविधान से भी अधिक महत्वपूर्ण था. राहुल गांधी भी आज उसी नक्शे कदम पर चलते हुए यदि कोई केस, चुनाव या कहीं हार जाते हैं तो वे पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं और अपने परिवार तंत्र पर खतरा मंडराने पर संविधान और लोकतंत्र को खतरे में बता देते हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जेन-जेड से आह्वान किया कि वो उनका समर्थन करें, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ से लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय तक जेन-जेड ने उनका साथ छोड़ दिया, बल्कि यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. न राहुल गांधी के साथ जेन-जेड बचे और न कांग्रेस की जेन-ट्री भी नहीं बची.

पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपने लेख में लिखा है कि उनके ‘सेंस ऑफ एंटाइटलमेंट’ को जेन-एक्स, जेन-वाई, जेन-जेड कोई बर्बाद नहीं कर सकती. न इनके साथ जेन-जेड हैं और न जेन-ट्री, न यह जनमत का सम्मान करते हैं और न इनके साथ कोई संगत में रहने को तैयार बस जनपथ के आधार पर इस प्रकार से अपने परिवार तंत्र को ऊपर रखने के प्रयास में लगे रहते हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि क्या उनके लिए इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाना एक ‘खेल’ है. Maharashtra और Haryana में राहुल गांधी ने आरोप लगाए, Supreme court से रिजेक्ट हुए, मद्रास कोर्ट का फैसला आ गया, Haryana में भी आरोप लगाए गए और कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने कहा कि कांग्रेस Haryana चुनाव पूर्व Chief Minister भूपिंदर सिंह हुड्डा की वजह से हारी और कोई गड़बड़ी नहीं हुई. कर्नाटक में भी जिस सीट पर कांग्रेस जीती, राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि 6 हजार वोट डिलीट हो गए. शाम तक उन्होंने मान लिया कि कोई वोट डिलीट नहीं हुए. सारे तथ्य चुनाव आयोग ने सामने रखे. तथ्य सामने आए फिर भी राहुल गांधी के लिए केवल खेल हैं, संवैधानिक संस्थाओं को कुचलना और अनर्गल हिट एंड रन के आरोप लगाना.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश में बचत उत्सव और GST 2.0 के बाद खुशी का माहौल है, वहीं राहुल गांधी, आरजेडी और कांग्रेस पार्टी बिहार में गाली उत्सव चला रहे हैं. पिछले 10-15 दिनों में चौथी बार Prime Minister मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि वैसे तो किसी के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने का कोई भी समय सही नहीं हो सकता. बिहार की जनता, माताएं और बहनें इन लोगों का वोट के माध्यम से हिसाब जरूर करेंगी, क्योंकि इन्होंने बिहार के लोगों को भी नहीं बख्शा.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के लोगों को भी इन लोगों ने बख्शा नहीं है. बिहार के मेहनतकश लोगों के खिलाफ यह सिलसिला लगातार चलता रहा है. कभी इनके प्रवक्ताओं में से कोई कहता है कि बिहारियों से बदबू और इंफेक्शन आती है. कभी कहते हैं कि बिहार का मतलब बीड़ी है, कभी बिहारियों के डीएनए पर सवाल उठाते हैं. तेलंगाना के Chief Minister रेवंत रेड्डी कहते हैं कि हम बिहारियों और यूपी के लोगों को घुसने नहीं देंगे. बिहार के लोगों के लिए कभी पंजाब के पूर्व Chief Minister चरणजीत सिंह चन्नी टिप्पणी करते हैं लेकिन प्रियंका गांधी इसपर ठहाके लगाती हैं. कभी डीएमके के नेता कहते हैं कि बिहार और उत्तर प्रदेश टॉयलेट क्लीनर्स के प्रदेश हैं.

डीकेपी/

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