भुवनेश्वर, 21 अक्टूबर . Odisha के Chief Minister मोहन चरण माझी ने दुर्गा पूजा के उत्सव के दौरान एक नेक कार्य कर सबका दिल जीत लिया. क्योंझर जिले के झुमपुरा में आयोजित दुर्गा पूजा समारोह में समिति द्वारा दिए गए गिफ्ट कूपन से उन्हें एक साइकिल मिली, जिसे उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने पैतृक गांव रायकला के एक नाबालिग अनाथ लड़के को दान कर दिया. यह बच्चा योगेश्वर नाइक है, जिसके पिता की कोरोना महामारी के दौरान मौत हो गई थी.
झुमपुरा की मां दुर्गाति नाशिनी संघ द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों का भव्य आयोजन किया गया. इस दौरान समिति ने Chief Minister को एक गिफ्ट कूपन भेंट किया, जिसके माध्यम से वे सांस्कृतिक आयोजनों में भाग ले सकते थे. कूपन के लकी ड्रॉ में Chief Minister को एक साइकिल मिली. समिति ने साइकिल भेंट की और Chief Minister ने इसे स्वीकार किया, लेकिन तुरंत ही इसका उपयोग जरूरतमंद के लिए किया. उन्होंने इसे रायकला गांव के योगेश्वर नाइक को सौंप दिया, जो पिता की मृत्यु के बाद पढ़ाई में जुटा है.
Chief Minister मोहन चरण माझी ने इस अवसर पर कहा, “हमारे क्योंझर जिले के झुमपुरा में मां दुर्गाति नाशिनी संघ द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव के अवसर पर विभिन्न मेलों का आयोजन किया जाता है. समिति द्वारा लोगों को गिफ्ट कूपन दिए जाते हैं, जिनके माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है. मुझे भी यह कूपन मिला और इससे एक साइकिल जीती. यह साइकिल हमारे गांव रायकला के एक बच्चे योगेश्वर नाइक को दी गई, जिसके पिता की कोरोना के दौरान मृत्यु हो गई. वह अब पढ़ाई कर रहा है. यह छोटी-सी बात है, लेकिन कई बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता खो दिए हैं. हम उनकी मदद करते रहते हैं. आज यह अवसर आया, तो मैंने सोचा कि गरीब बच्चे को देकर उसका लाभ होगा. यह सभी के लिए मदद का संदेश है.”
यह घटना दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर हुई, जब राज्य Government ने पूजा समितियों को 7 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. Chief Minister का यह कार्य आदिवासी बहुल क्योंझर जिले में खासा चर्चित हो गया है. रायकला गांव, जहां माझी का जन्म हुआ, आदिवासी समुदाय का केंद्र है. योगेश्वर जैसे बच्चों की मदद से वे अपनी जड़ों से जुड़ाव दिखाते हैं. स्थानीय लोगों ने Chief Minister की सराहना की. एक ग्रामीण ने कहा कि सीएम साहब ने साबित कर दिया कि पद की ऊंचाई से नीचे उतरकर भी सेवा की जा सकती है.
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एससीएच
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