नई दिल्ली, 25 जून . केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि इस वित्त वर्ष भारत से मोबाइल निर्यात को लेकर शानदार शुरुआत हुई और मई में देश से मोबाइल निर्यात 3.09 बिलियन डॉलर से अधिक रहा.
इस वित्त वर्ष में अप्रैल-मई की अवधि में देश से 5.5 बिलियन डॉलर मूल्य के मोबाइल निर्यात हुए.
उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने हाल के वर्षों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया है, जिसमें एप्पल और सैमसंग जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गज कंपनियां देश में अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाने पर दोगुना जोर दे रही हैं.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव के अनुसार, मई में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 74 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है.
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत मजबूत रही: अकेले मई में 3 बिलियन डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात हुआ, जो कि सालाना आधार पर 74 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि थी. अप्रैल-मई में 5.5 बिलियन डॉलर का निर्यात और अप्रैल-मई में 8.2 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात दर्ज किया गया, जो कि सालाना आधार पर 47 प्रतिशत वृद्धि थी.
यह शानदार वृद्धि इसलिए हासिल हुई है क्योंकि भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देश को एप्पल जैसे तकनीकी दिग्गजों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है. इसके अलावा, अमेरिका स्थित कंपनी ने सरकार को अपने उत्पादों के निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव के अनुसार, परिवर्तनकारी पीएलआई योजना की बदौलत भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात एक वित्त वर्ष के भीतर पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
वित्त वर्ष 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3.27 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि मोबाइल निर्यात 2 लाख करोड़ रुपए रहा.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने हाल ही में बताया, “एक वित्त वर्ष में ही इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. लगातार तीन वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के शीर्ष 10 निर्यातों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्यात है.”
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम में खासकर महिलाओं के लिए लाखों नए रोजगार सृजित हुए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग ने पिछले 10 वर्षों में पांच गुना वृद्धि दर्ज की है, जो 11 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है, जबकि पूरे इकोसिस्टम ने 25 लाख रोजगार सृजित किए हैं.
पिछले एक दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात छह गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है.
देश ने एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को “मेक इन इंडिया” का महत्व दिखाया है. हाल के वर्षों में देश एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है.
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एसकेटी/
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