मुंबई, 15 मई . मशहूर फिल्ममेकर जेपी दत्ता की बेटी और प्रोड्यूसर निधि दत्ता ने हाल ही में मां बनने की कोशिश के अपने भावुक और चुनौतीपूर्ण सफर को साझा किया है. उन्होंने बताया कि बहुत सी महिलाएं मां बनने की कोशिश के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से तकलीफें झेलती हैं, लेकिन अक्सर समाज में इन बातों पर खुलकर चर्चा नहीं होती. उन्होंने महिलाओं से अपील की कि अगर उन्हें भी इस तरह की समस्याएं हैं, तो वे हार न मानें और मां बनने की उम्मीद न छोड़ें.
निधि दत्ता ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर अपना प्रेग्नेंसी फोटोशूट शेयर किया, जिसमें उनका बेबी बंप साफ नजर आ रहा है. इस पोस्ट के कैप्शन के जरिए निधि ने अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि मां बनने की राह उनके लिए आसान नहीं रही. उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कैप्शन में लिखा, “यह तस्वीर अगर भारत के अलावा किसी और देश में पोस्ट की गई होती, तो इसे इंस्टाग्राम पर ‘संवेदनशील कंटेंट’ के रूप में टैग किया जाता, क्योंकि यह उन लोगों के लिए मानसिक रूप से प्रभावित करने वाली है, जो टीटीसी से गुजर रहे हैं… ठीक वैसे ही जैसे कई प्रेग्नेंसी अनाउंसमेंट मेरे लिए एक ट्रिगर बन गया था. टीटीसी… एक शब्द जिसे मैं पहले जानती भी नहीं थी, लेकिन फिर यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया.”
टीटीसी यानी ट्राई टू कंसीव. यह एक प्रक्रिया है, जिसमें एक कपल पेरेंट्स बनने की कोशिश करता है.
उन्होंने लिखा कि यह सफर आंसू, डर, दर्द और लंबे इंतजार से होकर गुजरा है.
उन्होंने लिखा, “पूरा समय मैं आंसुओं के बीच मुस्कान ढूंढने की कोशिश करती रही… डर के बीच विश्वास खोजने की… और दर्द के बीच ताकत इकट्ठा करने की कोशिश करती. एक महिला जो मां बनने की कोशिश कर रही होती है, उसके पास दुनिया का सबसे अच्छा जीवनसाथी हो सकता है, परिवार और दोस्तों का मजबूत साथ भी हो सकता है, लेकिन फिर भी वह खुद को इस सफर में बिल्कुल अकेला महसूस करती है.”
निधि ने पोस्ट में आगे लिखा, “मैं जानती हूं कि ज्यादातर महिलाएं अपनी बातें तब शेयर करती हैं जब उनका बच्चा पैदा हो जाता है, खास तौर पर इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में. लेकिन सच्चाई यह है कि हम यह नहीं जानना चाहते कि इस प्रक्रिया में क्या-क्या होता है! हमारे पास इसके लिए डॉक्टर हैं… और भारत में बहुत अच्छे डॉक्टर हैं. जो हमें चाहिए, वो यह है कि महिलाएं जब इस सफर से गुजर रही हों, उसी समय अपने अनुभवों को खुलकर साझा करें.”
प्रोड्यूसर ने कहा, “मैं नहीं चाहती थी कि मैं बच्चा आने के बाद ही अपना सफर साझा करूं. मैं चाहती हूं कि हर वो महिला जो ये पढ़ रही है, यह जाने कि मेरा सफर अभी, जो पूरा नहीं हुआ है… लेकिन फिर भी मैं यहां हूं, आपसे कह रही हूं, उम्मीद रखो… मुझे देखो और ताकत हासिल करो! हार मत मानो! यही चमत्कार तक पहुंचने का एक रास्ता है.”
निधि दत्ता ‘पलटन’, ‘घुड़चढ़ी’ और ‘बॉर्डर 2’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं.
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पीके/केआर
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